मनोवांछित फल मिलते है सूर्य आराधना से

मनोवांछित फल मिलते है सूर्य आराधना से
हिन्दू धर्मानुसार भगवान "सूर्य देव" एक मात्र ऎसे देव हैं जो साक्षात लोगों को दिखाई देते हैं। सूर्य देव का वर्णन वेदों और पुराणों में भी किया गया है। रविवार भगवान सूर्य का दिन माना जाता है और इस दिन सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व है। भगवान सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है।

भगवान सूर्य कि कृपा पाने के लिए तांबे के पात्र में लाल चन्दन, लाल पुष्प, अक्षत डालकर प्रसन्न मन से सूर्य मंत्र का जाप करते हुए उन्हें जल अर्पण करना चाहिए श्री सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करना चाहिए। इस अर्घ्य से भगवान सूर्य प्रसन्न होकर अपने भक्तों की हर संकटो से रक्षा करते हुए उन्हें आरोग्य, आयु, धन, धान्य, पुत्र, मित्र, तेज, यश, कान्ति, विद्या, वैभव और सौभाग्य को प्रदान करते हैं । सूर्य भगवान की कृपा पाने के लिए जातक को प्रत्येक रविवार अथवा माह के किसी भी शुक्ल पक्ष के रविवार को गु़ड और चावल को नदी अथवा बहते पानी में प्रवाहित करना चाहिए। तांबे के सिक्के को भी नदी में प्रवाहित करने से सूर्य भगवान की कृपा बनी रहती है।

रविवार के दिन स्वयं भी मीठा भोजन करें एवं घर के अन्य सदस्यों को भी इसके लिए प्रेरित करें। भगवान सूर्यदेव को उस दिन गु़ड का भोग लगाना कतई न भूलें। यह ध्यान रहे कि सूर्य भगवान की आराधना का सर्वोत्तम समय सुबह सूर्योदय का ही होता है। आदित्य ह्वदय का नियमित पाठ करने एवं रविवार को तेल, नमक नहीं खाने तथा एक समय ही भोजन करने से भी सूर्य भगवान कि हमेशा कृपा बनी रहती है।

मनोवांछित फल पाने के लिए निम्न मंत्र का उच्चारण करें। ओंम ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्त्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।

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