गिरफ्तार हुए आईएसआई के लिए काम कर रहे जासूस

गिरफ्तार हुए आईएसआई के लिए काम कर रहे जासूस
कोलकाता। उत्तर प्रदेश के मेरठ से गिरफ्तार मटियाबुर्ज के निवासी आईएसआई एजेंट एजाज उर्फ कलाम के तीन करीबियों को रविवार को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया। इनमें से एक सत्तारूढ़ दल के छात्र संगठन तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) का नेता है, तो दूसरा जीईएसई का ठेका श्रमिक। ये तीनों बतौर जासूस आईएसआई के लिए काम कर रहे थे। इनके नाम इरशाद अंसारी (52), अश्फाक अंसारी (23) और मोहम्मद जहांगीर (48 ) है। ये तीनों इकबालपुर थाना क्षेत्र के रामनगर लेन के निवासी हंै। अशफाक इरशाद का बेटा एवं जहांगीर साला है।कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने रविवार सुबह तीनों को गिरफ्तार किया। सोमवार को इनको अदालत में पेश किया जाएगा। इससे पहले भी दो जासूसों को गिरफ्तारी हो चुकी है। एक पखवाड़े में आईएसआई के पांच जासूस कोलकाता से गिरफ्तार हो चुके हैं।कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (मुख्यालय) राजीव कुमार मिश्रा व एसटीएफ के पुलिस उपायुक्त अखिलेश चतुर्वेदी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि तीनों गार्डनरीच इलाके से गिरफ्तार हुए हैं। इनके पास से गार्डनरीच शिप बिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) और कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट (केपीटी) का हस्त निर्मित नक्शा, कुछ संदिग्ध कागजात और 5 लाख रुपए मूल्य के नकली नोट जब्त किए गए हैं। आईएसआई की जासूसी के साथ ये नकली नोटों की तस्करी का धंधा भी करते थे। उल्लेखनीय है कि जीईएसई में भारतीय जलपोतों का निर्माण होता है।तीनों पर भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी, 121,121ए, 489बी, 489सी के तहत मामला दर्ज किया गया है। तीनों से पूछताछ की जा रही है।इरशाद के परिवार वालों के अनुसार तीनों गुरुवार को रहस्यमय ढंग से लापता हो गए थे। उन्होंने इकबालपुर थाने में इनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार मेरठ से गिरफ्तार आईएसआई एजेन्ट एजाज उर्फ कलाम से उत्तरप्रदेश प्रदेश पुलिस को उक्त तीनों के बारे में जानकारी मिली थी। उत्तरप्रदेश पुलिस से सूचना मिलने के तुरंत बाद गुरुवार को ही एसटीएफ ने तीनों को हिरासत में ले लिया था। लंबी पूछताछ के बाद रविवार को तीनों को गिरफ्तार किया गया।

कोलकाता में कलाम को दी थी शरण
कोलकाता पुलिस सूत्रों के अनुसार तीनों उत्तर प्रदेश के मेरठ से गिरफ्तार आईएसआई एजेन्ट एजाज उर्फ कलाम के करीबी हैं। पाकिस्तानी नागरिक कलाम बांग्लादेश के रास्ते जब कोलकाता में आया था, तब इन्होंने अपने घर में उसको शरण दी थी। उसका मतदाता पहचान पत्र और पासपोर्ट वगैरह बनवाने में मदद भी की थी।इरशाद उक्त जासूस गिरोह का सरगना है। कराची में उसका एक रिश्तेदार रहता है। कराची में ही उसकी मुलाकात आईएसआई के आकाओं से हुई थी। फिर उसने अपने साले और बेटे को भी गिरोह में शामिल कर लिया था। विभिन्न तरह के इलेट्रॉनिक गैजेट के माध्यम से तीनों जीईएसई, केपीटी व देश की सुरक्षा से संबंधित सूचनाएं आईएसआई को भेजते थे।इरशाद 10 साल से जीईएसई में बतौर ठेका श्रमिक काम कर रहा था। उसका बेटा अशफाक हरिमोहन घोष कॉलेज में सत्तारूढ़ दल के छात्र संगठन तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) का महासचिव है।
इरशाद युद्धपोत से जुड़ी सूचनाएं फोटोग्राफ जुगाड़ करता था। बेटे अश्फाक के जरिए उसे आईएसआई को भिजवाता था। वर्ष 2008 से 2014 के बीच अश्फाक दो बार बांग्लादेश भी गया था। जहां उसने खुफिया जानकारी आईएसआई को सौंपी थी। खुफिया जानकारी सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए भी भेजी गई थीं। जहांगीर दर्जी की दुकान चलाता है। इसकी आड़ में वह बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए आईएसआई एजेंटों के फर्जी पासपोर्ट व अन्य कागजात बनाने में मदद करता था।

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