अंडा खाने वालो के ख़ास खबर, जरूर पढ़े

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मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदलुकर से लेकर जिस अंडे का लोहा बॉलीवुड के हीमैन धमेंद्र ने भी माना है। अब ये कहा जा रहा कि वह अंडा शक्तिवर्धक नहीं रहा। जी हां, जिस अंडे को आप शक्ति वर्धक समझ कर अपने बच्चे को खिलाते हैं अब उसमें ताकत देने वाले गुण कम होते जा रहे हैं।

केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान के एक रिसर्च से पता चला है कि अंडे अब पहले जैसे शक्तिवर्धक नहीं रहे। इसकी वजह है मुर्गियों को दी जाने वाली खुराक में कैल्शियम की कमी। सर्दी के मौसम में अंडे की मांग में तेजी से होता है इजाफा। मुर्गी पालक ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में मुर्गियों को अच्छा खुराक नहीं देते, लिहाजा एक कमजोर मुर्गी जब अंडा देती है तो उसमें शक्तिवर्धक तत्व कम होते हैं।

केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान के मुताबिक मुर्गी को आहार में 3.8 से 4.2 ग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है लेकिन मुर्गी पालक इसका पालन नहीं करते। नतीजा, अंडे की बाहरी शेल कमजोर हो जाती है। कई बार पिंपल्स जैसे उभार आ जाते हैं और अंडा जल्दी खराब भी हो जाता। एक मुर्गी आमतौर पर साल में 325 से 330 अंडे देती हैं। मुर्गी स्वास्थ्य वर्धक अंडा दे इसके लिए उसे को प्रोटीन, अमीनो एसिड, कैल्शियम, फास्फोरस, खनिज, बाजारा, चावल का चोकर, कैल्शियम फास्फेट, विटामिन, खनिज लवण वाला आहार दिया जाना चाहिए।

अगर मुर्गी को कैल्शियम कम खिलाएंगे तो जर्दी में भी कैल्शियम कम हो जाएगी। जो लोग कैल्शियम पाने के लिए अंडा खाएंगे, उन्हें इसका पूरा फायदा नहीं मिलेगा। मुर्गी के अंडे में कार्बोहाइड्रेड, फैट, विटामिन, प्रोटीन और मिनरल होते हैं। मिनरल में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, जिंक खासतौर पर होते हैं। ये सभी तत्व हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है।

आजकल फार्मों में मुर्गी पालन के दौरान सही गाइडलाइन को नहीं माना जा रहा है। ज्यादा मुनाफा के चक्कर में अंडो का प्राकृतिक तरीके से उत्पादन नहीं होता लिहाजा जो अंडे आपके घर तक पहुंचते हैं उसमें शक्तिवर्धक तत्व बहुत कम होते हैं।

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