सतर्कता निदेशक पर परिवाद सीजेएम द्वारा ख़ारिज

सतर्कता निदेशक पर परिवाद सीजेएम द्वारा ख़ारिज
सतर्कता निदेशक पर परिवाद सीजेएम द्वारा ख़ारिज लखनऊ -आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा सतर्कता निदेशक भानु प्रताप सिंह तथा अन्य सतर्कता अफसरों द्वारा उन्हें क्षति कारित करने के उद्देश्य से उनके खिलाफ खुली जाँच में फर्जी और अशुद्ध अभिलेख रचने के सम्बन्ध में धारा 156(3) सीआरपीसी में दायर परिवाद सीजेएम लखनऊ हितेंद्र हरि द्वारा ख़ारिज कर दिया गया. सीजेएम ने 22 दिसंबर 2015 के अपने आदेश में कहा कि अमिताभ ने आरोप लगाया है कि निदेशक श्री सिंह ने अधीनस्थ कर्मियों से मिलकर राजनैतिक दवाब में जानबूझ कर फर्जी तरीके से उनके खिलाफ गलत जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत कर उन्हें फंसाने का प्रयास किया, जो धारा 166, 167, 214, 120बी आईपीसी के तहत अपराध है. सीजेएम के अनुसार विपक्षीगण लोक सेवक हैं जिन्होंने यह खुली जाँच शासकीय कर्तव्य के अनुपालन में किया और प्रार्थी अमिताभ को जाँच की कथित अनियमितताओं को वरिष्ठ अफसरों अथवा हाई कोर्ट में चुनौती देने का अधिकार है. कोर्ट ने कहा कि इस जाँच रिपोर्ट के आधार पर प्रार्थी को दण्डित नहीं किया गया है और न ही दोषसिद्ध किया गया है, मात्र एफआईआर दर्ज कराया गया है और प्रार्थी विवेचना को तथ्यों को प्रस्तुत कर उस जाँच रिपोर्ट को गलत सिद्ध कर सकता है. अतः सीजेएम ने कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनने की बात कहते हुए अमिताभ के प्रार्थनापत्र को ख़ारिज कर दिया.

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