मोदी के 5 ई सिद्धांत

मोदी के 5 ई सिद्धांत
मैसूर- मोदी ने अब पांच मन्त्र दिए हैं पांच दिवसीय वार्षिक आयोजन में मोदी के दिए 'पांच ई' मंत्र में अर्थव्यवस्था (इकॉनॉमी), पर्यावरण (एनवॉयरमेंट), ऊर्जा (एनर्जी) सहानुभूति (एम्पेथी) और न्यायसंगत (ईक्विटी) हैं। नरेंद्र मोदी ने अपने कर्नाटक दौरे के दूसरे दिन रविवार को 103वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस (ISC) का उद्घाटन किया और वैज्ञानिकों को अनुसंधान औरइंजीनियरिंग के लिए 'पांच ई' के मंत्र दिए। मोदी ने कहा, "वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीविद अगर पांच ई के सिद्धांत पर अमल करेंगे तो विज्ञान का प्रभाव काफी बढ़ेगा।" पांच दिवसीय वार्षिक आयोजन में मोदी के दिए 'पांच ई' मंत्र में अर्थव्यवस्था (इकॉनॉमी), पर्यावरण (एनवॉयरमेंट), ऊर्जा (एनर्जी) सहानुभूति (एम्पेथी) और न्यायसंगत (ईक्विटी) हैं। मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, "वाजिब और प्रभावशाली उपाय अपनाने पर अर्थव्यवस्था (ईकोनोमी) का मंत्र फलीभूत होगा, पर्यावरण (एंनवॉयरमेंट) यानी जब हमारा कार्बन फुटप्रिंट सबसे कम होगा और ऊर्जा(एनर्जी) का मंत्र तब फलीभूत होगा जब हम हमारी संपन्नता ऊर्जा पर कम से कम निर्भर होगी और हम जिस ऊर्जा का प्रयोग करेंगे वह हमारे आकाश को नीला और पृथ्वी को हरा-भरा रखेगी।" मोदी ने अन्य दो ई के मंत्रों की व्याख्या करते हुए कहा, "सहानुभूति (एम्पेथी) तब आएगी, जब प्रयास संस्कृति, परिस्थिति और सामाजिक बदलाव के अनुकूल होंगे और न्यायसंगत (ईक्विटी) तब होगा, जब विज्ञान समावेशी विकास को बढ़ाएगा और सबसे कमजोर का कल्याण करेगा।" इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला, राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन और देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित प्रसिद्ध वैज्ञानिक सीएनआर राव भी उपस्थित थे। Source web 

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