संजय मिश्र होंगे नए लोकायुक्त

संजय मिश्र होंगे नए लोकायुक्त
संजय मिश्रा होंगे यूपी के नए लोकायुक्त, सुप्रीम कोर्ट ने बदला फैसला:- "इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वीरेंद्र सिंह को यूपी का लोकायुक्त बनाया था, लेकिन उनकी नियुक्ति के खिलाफ कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी" लखनऊ:- यूपी के नए लोकायुक्त का आखिरकार फैसला हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के नए लोकायुक्त संजय मिश्रा को बनाया है। बताया जा रहा है कि संजय मिश्रा का नाम यूपी सरकार के पैनल में भी था। उनकी छवि साफ-सुथरी मानी जाती है। वे नवम्बर 2014 में हाईकोर्ट से रिटायर हुए हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वीरेंद्र सिंह को यूपी का लोकायुक्त बनाया था, लेकिन उनकी नियुक्ति के खिलाफ कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। इसके बाद कोर्ट ने जस्टिस वीरेंद्र सिंह की शपथ पर रोक लगा दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने किया था लोकायुक्त नियुक्त:- सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद के रिटायर्ड जस्टिस वीरेंद्र सिंह को यूपी का नया लोकायुक्त बनाया था। तय सीमा के अंदर लोकायुक्त के नाम पर कोई फैसला नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी अधिकार का प्रयोग करते हुए यूपी के नए लोकायुक्त की नियुक्ति की थी। 12 दिसंबर 2015 को यूपी सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में लोकायुक्‍त पद पर नियुक्ति के सिलसिले में पांच जजों के नाम का प्रस्‍ताव किया गया था। उन नामों में से कुछ नाम ऐसे थे जिनको लेकर मुझमें, नेता, विपक्ष और विधानसभा में सहमति थी। इन पांचों उम्‍मीदवारों में जस्टिस वीरेंद्र सिंह का नाम भी शामिल किया गया था, लेकिन उनके नाम को लेकर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की सहमति नहीं थी। ये सभी बातें सीएम अखिलेश यादव ने 1 जनवरी को यूपी के राज्‍यपाल राम नाईक को लिखे अपने पत्र में कहीं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने वीरेंद्र सिंह पर जताया ऐतराज हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने यूपी में लोकायुक्त की नियुक्ति पर ऐतराज जताया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने यूपी के राज्यपाल और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को चिट्ठी लिखकर कहा था कि उनकी सहमति के बिना रिटायर्ड जस्टिस वीरेंद्र सिंह को यूपी का लोकायुक्त नियुक्त किया गया है। इसलिए नाराज थे चीफ जस्टिस?:- सूत्रों के मुताबिक, चीफ जस्टिस इस बात से नाराज थे कि वे सिलेक्शन कमेटी की मीटिंग में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज वीरेंद्र सिंह के नाम पर पहले ही ऐतराज जता चुके थे। सीएम ने भी उन्हें भरोसा दिलाया था कि वे लोकायुक्त के लिए रिटायर्ड जस्टिस वीरेंद्र सिंह का नाम प्रपोज नहीं करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने लोकायुक्त के लिए जस्टिस एसयू खान (रिटायर्ड), जस्टिस देवेंद्र प्रताप सिंह (रिटायर्ड), जस्टिस अमर सरन (रिटायर्ड), जस्टिस श्रीकांथ त्रिपाठी (रिटायर्ड) और जस्टिस सुनील हाली (रिटायर्ड) का नाम प्रपोज किया था। हालांकि, वह रिटायर्ड जस्टिस एसयू खान के नाम पर भी सहमत नहीं थे। कौन थे रिटार्ड जस्टिस वीरेंद्र सिंह:- रिटायर्ड जस्टिस वीरेंद्र सिंह इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर जज हैं। उन्होंने 2009 से 2011 के बीच हाईकोर्ट में जज की भूमिका मेें थे। वे 1977 बैच के पीसीएस-जे हैं। देश में पहली बार ऐसा हुआ है, जब सुप्रीम कोर्ट ने लोकायुक्त की नियुक्ति की है।।






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