दिग्विजय हुए सनातनी शनि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को बताया सही

दिग्विजय हुए सनातनी शनि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को बताया सही
नई दिल्‍ली -अपने से 22 साल कम उम्र की अमृता राय से शादी रचाने वाले और कांग्रेस के बयान वीर दिग्विजय सिंह ने अब अपने आपको सनातनी कहा है वे मानते हैं उनका कहना है कि वे सनातन धर्म को मानते हैं हिंदुत्व कोई शब्द नहीं है । हालांकि उनके सनातनी होने पर किसी को कोई विरोध भी नहीं होना चाहिए क्योंकि सनातन धर्म को हिन्दू का वैकल्पिक रूप ही माना जाता है भले ही दिग्विजय सिंह इस बात से परहेज करें पुराने समय में भी समाज सुधार के लिए सनातन धर्म के तहत ही कई कदम उठाये गए इस धर्म में प्रेम की भाषा पढ़ाई गयी है और कुछ भी हो दिग्विजय सिंह ने इसको सही मायनो में चरितार्थ भी किया है । यह मामला उस समय उठा जब हमेशा अपने बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एक और विवादास्पद बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि हिंदुत्व कोई शब्द नहीं है और न ही मैं हिंदुत्व को मानता हूं। मैं सनातन धर्म का पालन करने वाला व्यक्ति हूं। सनातन धर्म के अनुयायी के रूप में ही मैं अपना परिवार चलाता हूं। दिग्विजय ने यह बात तब कही जब उनसे राम मंदिर के बारे में सवाल पूछा गया। वह वाराणसी स्थित विद्यामठ में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती से मिलने गए थे। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिग्विजय ने खुद को सनातन धर्मी बताया। उन्‍होंने शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के पूजा करने पर रोक को गलत बताते हुए कहा कि किसी भी मंदिर में कोई रोक-टोक नहीं होनी चाहिए। महिला या पुरुष सभी मंदिर में जा सकते हैं। जिस किसी की भी आस्था धर्म में हो वह मंदिर जा सकता है। सनातन धर्म से ही बना है हिन्दू धर्म -आचार्य विमल त्रिपाठी आचार्य विमल त्रिपाठी का कहना है की सनातन धर्म से ही हिन्दू धर्म की उत्पत्ति हुई है और जहाँ तक महिलाओं के शनि शिगनापुर मंदिर में पूजा का सवाल है शास्त्रों में शनि की पूजा हनुमान जी की पूजा में स्त्रियों का प्रवेश कुछ खास समय के लिए वर्जित है और माँ के रूप में स्त्रियों को इन मंदिरों में पूजा का अधिकार है इसलिए इस पर विवाद करना उचित नहीं है।

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