इस तरह करें भोलेनाथ की पूजा ,लक्ष्मी की होगी प्राप्ति

इस तरह करें भोलेनाथ की पूजा ,लक्ष्मी की होगी प्राप्ति
इस मुहूर्त में करें महाशिवरात्रि की पूजा, पूरी होगी हर मनोकामना इस वर्ष महाशिवरात्रि कई कारणों से अत्यन्त शुभ मानी जा रही है। इस वर्ष महाशिवरात्रि सोमवार को आने से जहां यह विशेष फलदायी बन रही है वहीं इस बार धनिष्ठा नक्षत्र भी है जो अत्यन्त दुर्लभ संयोग बना रहा है। साथ ही इस दिन पंचग्रही और चांडाल योग भी रहेगा। इस बार बन रहे हैं शुभ संयोग इस बार सात मार्च को मनाई जा रहा महाशिवरात्रि का पर्व पंचग्रही व शिव योग में मनाया जाएगा। इस दिन कुंभ राशि में सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र व केतु का मिलन होगा। जिससे इसकी मान्यता और भी बढ़ जाती है। शास्त्रों में सोमवार को भगवान शंकर हेतु विशेष माना जाता है क्योंकि सोमवार चंद्रदेव को समर्पित है व भगवान शंकर को चंद्रशेखर भी कहा जाता है। भगवान शंकर के पूजन से सुख-समृद्धि मिलेगी। इस बार शिव योग रात 8.18 बजे तक रहेगा। साथ ही धनिष्ठा नक्षत्र अन्तरात्रि 1.52 तक, उसके बाद शतभिषा नक्षत्र रहेगा। इस बारे में ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि कुंभ राशि में पाच ग्रहों का यह योग महाशिवरात्रि पर चारों प्रहर की पूजा करने वाले शिव भक्तों को स्थिर लक्ष्मी व आरोग्यता प्रदान करेगा। जो व्यक्ति पूरे वर्ष कोई उपवास नहीं रखता है, लेकिन वह केवल शिवरात्रि का ही व्रत कर लेता है तो उसे साल भर किए जाने वाले उपवासों के बराबर फल की प्राप्ति होती है। ब्रम्ह मुहूर्त में करें पूजा इस दिन व्रती को फल, पुष्प, चंदन, बिल्वपत्र, धतूरा, धूप, दीप और नैवेद्य से चारों प्रहर की पूजा करनी चाहिए। दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अलग-अलग तथा सबको एक साथ मिलाकर पंचामृत से शिव को स्नान कराकर जल से अभिषेक करें। चारों प्रहर के पूजन में शिव पंचाक्षर ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जप करें। Source web

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