अलोक रंजन का सेवा विस्तार गलत है !

अलोक रंजन का सेवा विस्तार गलत है !
लखनऊ -मुख्य सचिव आलोक रंजन के सेवा विस्तार के खिलाफ दायर याचिका में याचिकर्ता एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने आज उनके खिलाफ कोआपरेटिव सोसाइटीज के केंद्रीय रजिस्ट्रार द्वारा नाफेड के एमडी के रूप में सरकारी धन की हानि के कारण 21 करोड़ की वसूली के आदेश और इस सम्बन्ध में भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अपर सचिव के पास उनकी अपील अभी लंबित होने के तथ्य इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच के सामने एक पूरक शपथपत्र के माध्यम से प्रस्तुत किया. प्रदेश के महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह और केंद्र सरकार के अधिवक्ता सूर्यभान पाण्डेय ने याचिका की पोषणीयता पर सवाल उठाये जिसका नूतन के अधिवक्ता अशोक पाण्डेय ने पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि कोर्ट ने पहले ही पोषणीयता के बिंदु पर संतुष्ट होने के बाद सरकार से अभिलेख मांगे थे. जस्टिस श्री नारायण शुक्ला और जस्टिस अशोक पाल सिंह की बेंच ने इन सभी की दलील सुनने के बाद प्रकरण को उसी बेंच के सामने सुने जाने के आदेश दिए जिसके द्वारा यह पूर्व में सुना जा रहा था और सुनवाई की अगली तारीख 28 अप्रैल निर्धारित किया. याचिका में नूतन ने कहा है कि श्री रंजन के खिलाफ नाफेड के एमडी के रूप में सीबीआई द्वारा कई मुकदमे दर्ज किये गए थे जिनमे एक मामला अभी तक दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित है, अतः उनका सेवा-विस्तार गलत था.

Share this story