जानिए क्यों अलग है डी एम गोंडा आशुतोष निरंजन की कार्यशैली

जानिए क्यों अलग है डी एम गोंडा आशुतोष निरंजन की कार्यशैली
गोंडा –सुबह होते ही अखबार पर नजर दौडाने को लोग आतुर होते हैं ,अब अखबार की इंतजारी इसलिए होती है कि देखें आज क्या छपा है की डी एम ने क्या कार्यवाही कि हर चौराहे गली मुहल्लों में अब एक ही चर्चा है की डी एम ने कहाँ छापा डाला और क्या कार्यवाही की अँधेरे में रोशनी की किरण नजर आ रही है अधिकारी सुधरने लगे हैं कर्मचारी अब नौकरी का मतलब समझने लगे हैं |जिस जिले में जनता का कोई सुनता ही नहीं था अधिकारी तो जनता से मिलना अपनी तौहीन समझते थे अब वे सुबह से ही काम पर लग जाते हैं | पिछड़ेपन की मार झेल रहे गोंडा जहाँ विकास की बात सोचना ही अपने आपमें बेमानी था अधिकारी कागजों में ही विकास की नैया बहा रहे थे अब वे भी धरातल पर काम करने लगे हैं ऐसा नहीं है की सब कुछ अचानक हुआ है इसके लिए जिले में सरकार द्वारा नवनियुक्त जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन की कार्यशैली है जो सभी अधिकारियों को मजबूर करती है कि वे काम करें और अपने आवास से और आफिस से निकले जमीनी हकीकत जाने और यही कार्यशैली जहाँ अधिकारियों को काम करने पर मजबूर कर रही है वहीँ जनता में हर जगह केवल डी एम आशुतोष निरंजन के कार्यशैली की चर्चा हो रही है साथ ही बिना किसी दबाव के काम करने का जज्बा और उसको बिना किसी झिझक के कहना भी गोंडा के लोगों को कुछ ही दिनों में भा गया है | आशुतोष निरंजन की कार्यशैली क्यों है औरों से अलग इसके जहाँ उनका शैक्षिक बैकग्राउंड है वही बड़े प्रोजेक्ट को सही तरीके से निबटाने के बाद उनमे पनपा आत्मविश्वास कारण है | आइये जाने डी एम आशुतोष निरंजन के खास पहलू

इंजीनियर ब्रेन
2009 में देश स्तर पर 11 वीं रैंक पाने वाले आई ए एस आशुतोष निरंजन इलेक्ट्रानिक्स और कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग के ही कारण अधिकारी आंकड़ों के खेल में उन्हें उलझा नहीं पाते तकनीकी मामलों में केवल अधिकारियों की बात पर भरोसा न करके खुद ही उसको देखने और परखने के कारण इनकी कार्यशैली सब पर भारी पड़ रही है |
सी एम के ड्रीम प्रोजेक्ट को सफलता से संचालित किया
उत्तर प्रदेश स्टेट हाइवेज अथॉरिटी को ब्राउन फील्ड प्रोजेक्ट के तहत पी पी पी माडल पर 2 लेन से 4 लेन पर सदस्य यू पी एस एच ए लखनऊ के तौर पर काम किया | सी एम अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट आथोरिटी के तहत जिसमे 6 लेन सड़कें बनायीं जाती है आगरा से लखनऊ 302 किलोमीटर लम्बी 6 लेन सड़क बनाने के प्रोजेक्ट का एडिशनल सी ई ओ के रूप में सफलता से संचालन किया | खनन माफियाओं पर पड़े हैं भारी एस डी एम हमीरपुर रहते हुए बुन्देलखंड क्षेत्र में लाल मोरंग का बेतवा नदी से अवैध खनन का खुलासा किया यह पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाता था | योग्यता और बड़े प्रोजेक्ट को संचालित करने के अनुभव और बेबाकी के साथ जिस तरह से जिलाधिकारी की कार्यशैली है उससे पिछड़ेपन का दंश झेल रहे गोंडा के लोगों को डी एम से काफी उम्मीदें हैं साथ ही उनके सामने कई सारी चुनौतियाँ भी है जिसकी उम्मीद है की वह भी दूर हो सकेंगी वैसे गोंडा का इतिहास रहा है कि जब -जब तेज तर्रार अधिकारियों ने गोंडा को पटरी पर लाने का प्रयास किया है उन्हें काउंटर अटैक झेलना पड़ा है देखना होगा कि गोंडा के लोगों का कितना भला और कब तक हो पाता है |

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