नहीं चाहिए "प्रधानमंत्री" जी आपके "5 रुपये" वापस ले लीजिये

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prabhu@321@20161 May 2016 6:30 PM GMT
लातेहर- नहीं चाहिए आपके 5 रूपये झारखण्ड के मनरेगा मजदूर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खासे नाराज हैं उनका कहना है कि एक तरफ जहाँ मनरेगा से अलग काम करने वाले मजदूरों को हर दिन का 212 रुपये मिलता है वहीँ प्रधानमंत्री ने झारखण्ड में 5 रूपये की बढ़ोत्तरी की है मनरेगा के तहत हर दिन मिलने वाली मज़दूरी में 5 रुपये का इजाफा किए जाने से नाराज़ झारखंड के सैकड़ों मज़दूरों ने इसे लौटाने का फ़ैसला लिया है। नाराज मजदूर लिफाफे में 5-5 रुपये का नोट भरकर पीएम मोदी को भेजने की तैयारी कर रहे हैं।
सूखे की मार झेल रहा है झारखण्ड
साथ में इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर पूछा है कि ऐसे समय में जब राज्य में सूखा है, ये 5 रुपये कैसे उनकी मदद करेंगे।
केंद्र सरकार ने इस साल झारखंड में मनरेगा के तहत मिलने वाली मज़दूरी में हर दिन 5 रुपये का इज़ाफ़ा कर 162 से 167 रुपया किया है। नाराज़ लोगों का कहना है कि यहां मनरेगा से अलग काम करने वालों को हर दिन का 212 रुपये मिलता है, ऐसे में उनके साथ ये कैसा न्याय है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी लिखा था पीएम को खत
इससे पहले सौ से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं, अर्थशास्त्रियों और समाजशास्त्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई राज्यों में उत्पन्न सूखे की स्थिति पर कदम उठाने के साथ ही पारंपरिक राहत उपाय एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून को अक्षरश: लागू करने का आग्रह किया था।
source ndtv
सूखे की मार झेल रहा है झारखण्ड
साथ में इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर पूछा है कि ऐसे समय में जब राज्य में सूखा है, ये 5 रुपये कैसे उनकी मदद करेंगे।
केंद्र सरकार ने इस साल झारखंड में मनरेगा के तहत मिलने वाली मज़दूरी में हर दिन 5 रुपये का इज़ाफ़ा कर 162 से 167 रुपया किया है। नाराज़ लोगों का कहना है कि यहां मनरेगा से अलग काम करने वालों को हर दिन का 212 रुपये मिलता है, ऐसे में उनके साथ ये कैसा न्याय है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी लिखा था पीएम को खत
इससे पहले सौ से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं, अर्थशास्त्रियों और समाजशास्त्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई राज्यों में उत्पन्न सूखे की स्थिति पर कदम उठाने के साथ ही पारंपरिक राहत उपाय एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून को अक्षरश: लागू करने का आग्रह किया था।
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