राजनीतिक विरासत को संजोने के लिए एक हुए बेनी मुलायम

राजनीतिक विरासत को संजोने के लिए एक हुए बेनी मुलायम
लखनऊ -राजनीति आदमी को क्या से क्या बना देती है कभी मुलायम को पानी पी पी कर कोसने वाले बेनी वर्मा आज मुलायम की चौखट पर थे सपा को कभी जमींदोज कर देने की कसम रखने वाले बेनी को अपनी राजनितिक पारी खेलने के लिए एक बार फिर से अपने पुराने घर में वापसी की है और कहा जा रहा है की वह राज्यसभा में जाने की शर्त भी रख चुके हैं । कांग्रेस के सीनियर लीडर बेनी प्रसाद वर्मा की घर वापसी हो गई है। बेनी प्रसाद वर्मा ने समाजवादी पार्टी का दोबारा हाथ थामा है। बेनी प्रसाद वर्मा समाजवादी पार्टी के पुराने साथी रहे हैं। बेनी ने इस शर्त पर समाजवादी पार्टी में घर वापसी की है कि उन्‍हें राज्‍यसभा का टिकट मिले। समाजवादी पार्टी 2017 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हर वह दांव आजमाना चाहती है जिससे उसे फिर से सत्ता की वापसी का रास्ता दिख सके । कुर्मी फैक्टर को साधने की जुगत बेनी प्रसाद वर्मा को सपा मे लाने का मुख्‍य कारण कुर्मी वोट है। उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है। इसका एक बड़ा कारण कुर्मी वोट बैंक भी है। जिस तरह से बिहार में नीतीश कुमार ने कुर्मी वोट बैंक को अपने पक्ष में कर लिया, ऐसा ही कुछ मुलायम सिंह यादव की पार्टी उत्तर प्रदेश में करना चाहती है। इसके अलावा पार्टी किसी एक ब्राहम्ण चेहरे को भी राज्यसभा का टिकट दे सकती है। बेनी प्रसाद वर्मा का पुराना याराना रहा है मुलायम के साथ बेनी प्रसाद वर्मा संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार 1974 में बारांबकी के दरियाबाद से विधानसभा चुनाव लड़े और जीते। मुलायम सिंह यादव के साथ चौधरी चरण सिंह के संरक्षण में अपनी पहचान मजबूत और जुझारू नेता के रूप में बनाई। संयुक्त मोर्चा सरकार में मुलायम सिंह रक्षा मंत्री बने और बेनी प्रसाद वर्मा संचार मंत्री थे। कुछ बातों को लेकर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के साथ दूरी बन गई। 2007 में सपा से अलग होकर समाजवादी क्रांति दल नामक पार्टी बनाई। विधानसभा चुनाव में बेपी प्रसाद वर्मा और उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में औंधे मुंह गिरी थी। राजनीतिक रूप से खुद को अप्रासंगिकता होने से बचाने के लिए 2009 में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से जुड़े। बताया जाता है कि खुद राहुल गांधी ने उन्हें पार्टी से जोड़ा था। वह बेनी के सहारे यूपी कांग्रेस में जान फूंकना चाहते थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में गोंडा सीट से एमपी बने। पहले राज्यमंत्री और बाद में केंद्रीय मंत्री बने।

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