अगर आप करते है बैंक से ऑनलाइन कारोबार तो रहे सतर्क

अगर आप करते है बैंक से ऑनलाइन कारोबार तो रहे सतर्क
नई दिल्ली -लोगों की लाइफस्टाइल बदली है तो आदते भी बदली हैं इसमें बैंक से काम करने का तरीका भी बदला है इसमें ऑनलाइन बैंकिंग की भी आदत भारी भी पड़ सकती है । लेकिन यह नुकसान दायक भी हो सकता है क्योंकि ऑनलाइन फ्रॉड होने की सूरत में बैंक अब आपको बैंक कोई हर्जाना नहीं देगा। हालांकि अभी तक बैंक ही इसके लिए जिम्मेदार माने जाते थे इसलिए उन्हें पीड़ित को हर्जाना देना पड़ता था। ऑनलाइन फ्रॉड पीड़ित को बताया जाएगा कि ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि या तो उनका कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पुराना है या फिर वे कोई ऑनलाइन अकाउंट के लिए एक ही पासवर्ड यूज कर रहे हैं या फिर फर्जी लोग उनको डिटेल देने के लिए बेवकूफ बना रहे हैं। नए नियम आने के बाद ऑनलाइन धोखाधड़ी में रिफंड के लिए क्लेम करने वाले कई लोग इससे प्रभावित होंगे। अभी क्या है बैंक नियम? कोई भी ऑनलाइन फ्रॉड होने पर अभी बैंक ही जिम्मेदार माने जाते हैं और नुकसान होने पर पीड़ित को हर्जाना भी देते हैं। बैंक उसी सूरत में इससे बच सकते हैं जब इस मामले में वे पीड़ित व्यक्ति की लापरवाही साबित कर पाते हैं। हर्जाने की रकम से बैंक हुए परेशान यूके के ऑफिस ऑफ नेशनल स्टेटिस्टिक्स एंड फाइनेंशियल फ्रॉड एक्शन के मुताबिक हर साल 59 लाख लोग ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होकर 755 मिलियन डॉलर गंवाते हैं। इन सब धोखाधड़ियों में हुए नुकसान की वजह से बैंकों द्वारा पीड़ितों को दिया जाने वाला पेआउट एक साल में ही 72 प्रतिशत तक बढ़ गया जिसने उनकी नींदें उड़ा दी। इसलिए बैंको ने नए नियम इसलिए बनाए ताकि लोग खुद को खुद ही बचा कर रखें और बैंकों से हर्जाने की उम्मीद न रखें। इसके लिए वे सुरक्षित पासवर्ड और लेटेस्ट कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का यूज करें। लापरवाही ग्राहक को पड़ेगी भारी बैंक के एक सूत्र के हवाले से पता चला है कि बैंक ये देखेंगे कि अपराधी को पीड़ित व्यक्ति के अकाउंट को हैक करने में कितने अटैंप्ट लगे। अगर ऐसा वह पहली बार में ही करने में कामयाब हुआ है तो बैंक ग्राहक को ही इसके लिए कसूरवार मानेगा। Courtesy 24 टीवी

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