अपने ही घर में खो गई पहचान योग के जनक पतंजलि की
Jun 18, 2016, 18:30 IST
गोंडा -पतंजलि जिसके नाम से योग जाना जाता है जिनके योग के वजह से 21 जून को योग दिवस मनाया जाना है जिसने योग को जनम दिया उनकी जन्मभूमि आज अपने पहचान को तरस रही है सबसे बड़ी बात यह भी है कि जहाँ से योग का जनम हुआ वहां के लोगों को योग में कोई रूचि भी नहीं है न ही प्रशासन और न ही जिम्मेदार लोगों ने पतंजलि जन्मभूमि को पहचान दिलाने की कोई कोशिश की । करीब पांच हजार साल पहले गोंडा के वजीरगंज के कोडर गांव में जन्म लेने वाले योग जनक महर्षि पतंजलि की जन्मभूमि अपनी पहचान के लिए तरस रही है। इसे पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने के लिए दो दशक से संघर्ष कर रही श्री पतंजलि जन्मभूमि न्यास समिति केन्द्र और राज्य सरकारों को 22 बार 48 प्रस्ताव भेज चुकी है लेकिन अब तक किसी भी प्रस्ताव पर किसी सरकार का कोई जवाब नहीं मिला है। वजीरगंज कस्बे से सटा कोडर गांव कालांतर में सरयू नदी के तट पर बसा था। शेषावतार कहे जाने वाले महर्षि पतंजलि का जन्म इसी पौराणिक स्थल पर हुआ था। किवदंती है कि शेषावतार के रूप में पतंजलि के जन्म लेने से पहले सरयू नदी ने यहां से अपनी चंचलता का परित्याग किया, जिसके बाद यहां कोडर झील अस्तित्व में आई। मान्यता है कि पतंजलि जन्म लेने के बाद एकांतवास से शिष्यों को उपदेश देते थे। जब गुरु के दर्शन की लालसा में एक शिष्य ने अंदर झांका, उसी दिन से सर्पाकार महर्षि अदृश्य हो गये। गोड़िका से जन्मे थे पतंजलि गोंडा शहर में रह रहे श्री पतंजलि जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष डॉ. भगवताचार्य का कहना है कि महर्षि पतंजलि का जन्म गोड़िका नाम की एक कन्या से उस समय हुआ था, जब वह भगवान सूर्य को जल दे रही थी। महर्षि पतंजलि ने स्वरचित ‘व्याकरण महाभाक्य’ में अपनी जन्मस्थली कोडर का जिक्र भी किया है। उन्होंने बताया कि जन्मभूमि को पर्यटन स्थल घोषित कराने के लिए लगातार प्रयास हो रहा है लेकिन सफलता नहीं मिली। हर वर्ष 21 जून को समिति अपनी ओर से कार्यक्रम करती है। शीघ्र नये सिरे जायेगा प्रस्ताव डीएम आशुतोष निरंजन ने बताया कि महर्षि पतंजलि की जन्मभूमि को पर्यटन स्थल और धरोहर के रूप में विकसित करने के लिए नये सिरे से प्रस्ताव संस्कृति विभाग को भेजा जाएगा। पूरा प्रयास होगा वहां महर्षि के चबूतरे पर पतंजलि की प्रतिमा जल्द स्थापित हो जाये। कब पड़ेगी योग के नाम पर स्थापित होने वालों की नजर योग के नाम पर भारत में सबसे बड़ा साम्राज्य किसी ने खड़ा किया है पतंजलि योगपीठ ने लेकिन देखना होगा कि इस बारे में उनका रुख क्या होता है सोर्स हिंदुस्तान