रामू वालिया के ऊपर किसका दबाव था

रामू वालिया के ऊपर किसका दबाव था
लखनऊ- जेलमंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया पर ऊपर का दबाव था यह हम नहीं कह रहे खुद रामूवालिया ने मीडिया से मुख्तार अंसारी के मामले में कही उन्होंने सफाई देते हुए कहा मुख्तार अंसारी की अागरा जेल में तबियत खराब थी इसलिए उसे लखनऊ शिफ्ट किया गया है। रूटीन ट्रांसफर है मुख्तार का रामूवालिया ने कहा मुख्तार का तबादला रूटीन ट्रांसफर है। तबादला बीमारी के चलते किया गया है। जबकि सूत्रों के अनुसार पता चला है कि मुख्तार की जेल मंत्री रामूवालिया की सहमति पर बदली गई। रामूवालिया ने ऊपर के दबाव का हवाला भी दिया था। फाइल राज्यसभा में वोटिंग के फौरन बाद चलाई गई थी। इस पर कारागार सचिव एसके रघुवंशी ने अादेश जारी किया था। मुख्तार अंसारी का लखनऊ जेल में ट्रांसफर करने के मामले में हो रही किरकिरी को लेकर जेल मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया ने आजअपने दस कालिदास मार्ग स्थित सरकारी अावास पर मीडिया के सामने सफाई पेश की। वह एडीजी जेल डीएस चौहान हटाये जाने को लेकर मीडिया के सवालों पर भी कन्नी काटते नजर अाये। पूरे मामले में जेल मंत्री मुख्तार अंसारी को लेकर सफाई देते रहे। राजधानी के कृष्णानगर इलाके में पिछली 16 जून को फीनिक्स मॉल के निकट स्थित होटल एक्यूमेन के मालिक रवींद्र सिंह सलूजा को सीअारपीएफ के पांच जवानों ने होटल के अंदर खाना खाने को लेकर बुरी तरह पीटा था। इसके अलावा दबंगों ने होटल में भी तोड़फोड़ की थी। इस मामले में सिक्ख समुदाय के लोगों में अक्रोश था इसके चलते उन्होंने जेल मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया से मिलकर कार्यवाई की मांग की थी। जेल मंत्री ने मामले को संज्ञान में लेते हुए अरोपियों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज करवाया और जांच शुरू करवाई। शुक्रवार को जेल मंत्री ने अपने दस कालिदास मार्ग स्थित सरकारी अावास पर मीडिया के सामने मथुरा जिले के नोगांव निवासी गोपाल अग्रवाल और देवी सिंह को पेश करते हुए बताया इसके साढ़े छह लाख रूपये, अलीगढ़ के करोङो के कारोबारी सरदार राजन सिंह जुनेजा ने दबा रखी थी। वह गोपाल अग्रवाल और देवी सिंह को रूपये देने से इंकार कर रहा था। मामला संज्ञान में अाते ही जेल मंत्री ने साढ़े छह लाख रूपये वापस दिलाये।

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