अमरनाथ "यात्रियों" की "मुसलमानों "ने की "कर्फ्यू" तोड़कर मदद

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prabhu@321@201613 July 2016 6:30 PM GMT
श्रीनगर- एक तरफ जहाँ अमरनाथ यात्रा और बुरहान वानी को लेकर देश की राजनीति में बहस मुबाहसे का दौर जारी है बुरहान वानी के जनाजे को लेकर उमड़ी भीड़ से जहाँ कश्मीरियों को एक आतंकी के समर्थन के बाद जहाँ कश्मीरियों के भारत के प्रति रवैये की आलोचना हुई वहीँ अमरनाथ यात्रियों की स्थानीय कश्मीरी मुसलमानों द्वारा मदद किये जाने को सराहा भी गया है साथ जी इस घटना ने यह जता दिया है की मानवता अभी जिन्दा है एक अमरनाथ यात्री और एक स्थानीय बस ड्राइवर की बीजबेहारा में सड़क हादसे में मौत हो गई। इस हादसे में 28 श्रद्धालु घायल हुए हैं। श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर यह हादसा बुधवार को हुआ। मृत श्रद्धालु की पहचान यूपी के प्रमोद कुमार के रूप में हुई है जबकि ड्राइवर श्रीनगर के बाहरी हिस्से गांदरबल का रहने वाला था। कर्फ्यू तोड़कर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मदद की अहम बात यह रही कि बस हादसे में घायल लोगों की मदद स्थानीय मुस्लिम लोगों ने की जो हादसे की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे थे। पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोगों ने कर्फ्यू तोड़कर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और इसके लिए उन्होंने अपना जीवन भी संकट में डाल दिया। स्थानीय मुस्लिम लोगों ने तब ऐसा किया जब सुरक्षाबलों की फायरिंग में यहीं के दो युवकों की मौत पर वो शोक संतप्त थे। चूंकि कश्मीर में कर्फ्यू लगा हुआ है, इसलिए जब जम्मू-श्रीनगर हाइवे नंबर 1A पर एक्सीडेंट हुआ, हाइवे पर कोई नहीं था. पर एक्सीडेंट का पता चलते ही बिजबेहरा टाउन के लोग कर्फ्यू तोड़ते हुए एक्सीडेंट वाली जगह पर भागे। स्थानीय मुस्लिम अपनी गाड़ियों में बिठाकर तीर्थयात्रियों को अस्पताल ले गए। कुछ लोगों को श्रीनगर ले जाकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया। बीजबेहारा मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का गृहक्षेत्र है। अपने बयान में उन्होंने स्थानीय लोगों की इस मदद को सलाम किया। एक च ‘स्थानीय मुसलमान अपने निजी वाहनों से घायलों को अस्पताल ले गए। एक बड़े आतंकवादी बुरहान वानी की हत्या के बाद विगत चार दिनों से हिंसा का दंश झेलने के बावजूद बिजबेहरा के स्थानीय लोगों के भाव अनुकरणीय थे। घाटी में हिंसा के दौरान 34 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 33 आम नागरिक और एक पुलिसकर्मी शामिल थे। हिंसा में मारे गए 34 लोगों में 32 लोग दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम और पुलवामा जिलों के रहने वाले थे जबकि एक-एक व्यक्ति श्रीनगर और कुपवाड़ा जिले के रहने वाले थे। सौर्स एजेंसी
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