फिर आया आतंक का विकृत चेहरा सामने फ़्रांस में लगभग तीन दर्जन लोगों की मौत

फिर आया आतंक का विकृत चेहरा सामने फ़्रांस में लगभग तीन दर्जन लोगों की मौत
डेस्क -आतंक का कोई मजहब नहीं होता आतंक एक मानसिकता है जो विकृत है जिसकी सोच विकृत है जो केवल नुक्सान करता है और वो नुक्सान किसी का भी हो सकता है यह एक बार फिर साबित हो गया जब फ्रांस के नाइस में गुरुवार को एक बेकाबू ट्रक भीड़ में घुस गया, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई है जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. लोग बैस्टिल डे के मौके पर आतिशबाजी देखने के लिए जुटे थे. बैस्टिल डे के मौके पर आतिशबाजी देख रहे लोगों पर घुसाई ट्रक फ्रेंच अधिकारियों ने इसे एक हमला बताया है. एक अंग्रेजी वेबसाइट की खबर के मुताबिक एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि ड्राइवर ने भीड़ में ट्रक घुसाने के बाद लोगों पर गोलियां भी बरसाईं . इसके बाद हर तरफ लाशें ही लाशें बिछ गईं. मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है. फिलहाल किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.

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