कांग्रेस ले रही दागियों और भगोड़ों का सहाराः रामनारायण साहू

कांग्रेस ले रही दागियों और भगोड़ों का सहाराः रामनारायण साहू
लखनऊ,15 जुलाई। उत्तर प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रामरानारायण साहू ने कांग्रेस द्वारा वर्ष 2017 के चुनाव के लिए बनाई गई टीम पर गहरा कटाक्ष करते हुए कहा कि अब डूबी हुई कांग्रेस को दागियों और भगोड़ों का सहारा रह गया है। उन्होंने नए प्रदेश अध्यक्ष सिने अभिनेता रहे राजबब्बर के बारे में कहा कि राजबब्बर भीड़ तो बढ़ा सकते है लेकिन भीड़ कभी वोट में तब्दील नही होती । उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता ने लोकसभा चुनाव में ही कांग्रेस और अन्य दलों को इस बात का आभास करा दिया था कि देश में श्री नरेन्द्र मोदी से बेहतर नेतृत्व और कोई नही दे सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो नई टीम बनाई है वह नई बोतल में पुरानी शराब के अलावा कुछ नही। उन्होंने कहा कि युवाओं और कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर कांग्रेस अब अपनी बेहतरी का ख्वाब छोड़ दें। पूर्व सांसद श्री साहू ने कहाकि दिल्ली सरकार की मुख्यमंत्री रह चुकी शीला दीक्षित को यूपी के कांग्रेस के रहेसहे कार्यकर्ता जानते ही नही पिछले लम्बे अरसे से उनका यूपी में कोई आना जाना नही हुआ। यही नही उत्तर प्रदेश में कुल वोटरों में आधे की उम्र 18 से 25 है ऐसे में 78 साल की मुख्यमंत्री प्रत्याशी की घोषणा कर कांग्रेस ने युवा वर्ग की उपेक्षा की है। यही नही सौ करोड़ के टंेकर घोटाले एवं इनकी सरकार के दौरान हुए काॅमनवेल्थ घोटाले को लेकर जनता के चुभते सवालों का सामना भी कांग्रेस को करना पड़ेगा। इसके अलावा कांग्रेस से रूठ कर 1988 में जनतादल और फिर 1999 में भाजपा का दामन थामने वाले संजय सिंह का इतिहास भी उठाकर कांग्रेस को देखना चाहिए यही नही 2003 में मंत्री न बनाए जाने पर भी वे यूपीए सरकार से नाराजगी जता चुके है। ऐसे में अगर उन पर कांग्रेस विश्वास कर उन्हें चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बना चुकी है तो प्रचार ही फेल हो जाएगा। उन्होंने इसके अलावा चुनाव संयोजन समिति के पदाधिकारी श्री प्रमोद तिवारी ,मोहसिना किदवई, श्री सलमान खुर्शीद,श्री राजीव शुक्ला, श्री श्रीप्रकाश जयसवाल,रीता बहुगुणा, श्री सलीम शेरवानी,श्री प्रदीप जैन, पीएल पुलिया, निर्मल खत्री, प्रदीप माथुर के बारे में कहा कि इनके बारे में भी जनता को सब मालूम है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में इन्ही के गृह जनपदों , विधानसभा क्षेत्रों और लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने आशंका जताई कि ऐसा न हो कि इस चुनाव में इन नेता की टीम के चलते कांग्र्रेस का यूपी से नामों निशान खत्म हो जाए। उन्होंने कांग्रेस को सलाह दी कि बेहतर होता कांग्रेस युवा चेहरों को लाकर 2017 के चुनाव में भागीदारी करती।

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