जानिए उन वास्तुदोष को जिनके कारण करती है लड़कियां घर से भाग कर शादी !

जानिए उन वास्तुदोष को जिनके कारण करती है लड़कियां घर से भाग कर शादी !
ज्योतिष डेस्क -वास्तु विज्ञान के अनुसार सोने के तरीके और बिस्तर का प्रभाव भी हमारे ऊपर होता है। आपका बिछावन और सोने का अंदाज सही नहीं है तो कैरियर और धन संबंधी समस्याओं को लेकर भी परेशानी बनी रहती है। बिस्तर का प्रभाव दांपत्य जीवन और विवाह पर भी होता है। इससे विवाह में बाधा भी आती है। इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए वास्तु विज्ञान में कुछ उपाय बताए गये हैं। ** यह स्थिति तब पैदा होती है जब उस लड़की के घर के वायव्य कोण में निर्मित पानी की टंकी, बोरिंग, सैप्टिक टैंक या कुआं अथवा किसी प्रकार से नीचा होने पर बेटी घर में कम बाहर अधिक रहती है। प्रायः देखा गया है कि ऐसी स्थिति में रहने वाली लड़कियां अपनी मर्जी से घर से भागकर शादी कर लेती हैं। अगर घर का वास्तु ठीक नहीं है, तो किशोरावस्था में लड़के-लड़कियों के कदम बहक सकते हैं। वर्तमान सहशिक्षा एवं जीवन शैली के आधुनिक पर्यावरण में वे कच्ची उम्र में ही प्यार-मोहब्बत के चक्कर में पड़कर अपना जीवन तबाह कर लेते हैं। *** दूसरा अनुभव में मेने यह पाया हैं की जिस घर में मनी प्लांट का पौधा लगा होता हैं उस घर में रहने वाली लडकिया प्रेम/ अन्तर जातीय विवाह करती हैं अथवा घर से भागकर शादी करती हैं।। *****यदि आपके घर में बेटी के साथ ऐसी कोई समस्या है,तो उसकी कुंडली किसी योग्य और अनुभवी ज्योतिषि से विश्लेषण करवा कर उचित उपाय करे। *****बेटी को फटकारने के बजाय घर के वास्तु दोषों पर ध्यान दीजिए। उन वास्तु दोषों को दूर करने के उपाय कीजिए। समस्या स्वतः ही समाप्त हो जाएगी। *****यदि कन्या बालिग नहीं है, तो उसे वायव्य दिशा शयनकक्ष में नहीं सुलाना चाहिए। वस्तुतः वायव्य कोण में उच्चाटन की प्रवृति होती है। इसका उद्देश्य वायव्य कोण में सोने वाले जातक को घर से बाहर भेजना होता है। कम उम्र की कन्या जिसकी अभी शादी होनी है, वायव्य दिशा के बेडरूम में सोने पर चंचल हो जाती है। अर्थात् ऐसी कन्या के वायव्य दिशा के कमरे में सोने पर कदम बहक सकते हैं।उचित सलाह और उपाय से आप अपनी बेटी का भविष्य सवार सकते है। ऐसे लगाएं बेड----- वास्तु विज्ञान के अनुसार लड़के और लड़कियों के लिए बेड लगाने की दिशा अलग अलग है। लड़कियों के लिए वायव्य कोण यानी उत्तर पश्चिम दिशा शुभ होती है जबकि लड़कों के लिए पूर्व और पूर्वोत्तर दिशा शुभ रहती है। बेड लगाते समय यह भी ध्यान रखें कि बेड किसी भी दीवार से सटा हुआ नहीं हो। बेड के नीचे कुछ न रखें---- बेड की साफ सफाई जितनी जरूरी है उतनी ही जरूरी है बेड के नीचे की सफाई। इसलिए अगर बेड के नीचे सामान रखने की आदत है तो इसे बदल दीजिए। बेड के नीचे रखे हुए सामनों से नकारात्मक उर्जा का संचार होता है जो विवाह में बाधक होता है। अगर बॉक्स वाले पलंग पर सोते हैं तो निश्चित ही बॉक्स में काफी सामान रखते होंगे। इससे भी नकारात्मक उर्जा का संचार होता है। इस नकरात्मक उर्जा को दूर करने के लिए पलंग के चारों पायों के नीचे तांबे का एक स्प्रिंग अथवा एक बाउल में नमक भर कर रखें। बेड के बाईं ओर सोएं---- बेड पर हमेशा बायीं ओर सोएं। यह सिर्फ वास्तुशास्त्र ही नहीं बल्कि लंदन के एक होटल प्रीमियर इन द्वारा किये गये एक सर्वे रिपोर्ट में भी कहा गया है कि बांयी ओर सोने वाले व्यक्ति का मूड अधिक अच्छा रहता है। उनके अंदर सकारात्मक सोच रहती है और वह अधिक एक्टिव रहते हैं। ऐसे युवक / युवती जो विवाह योग्य है और विवाह में अड़चने आ रही ही तो वैसे युवक-युवतियों को घर में उस कमरे में रहना चाहिए जो उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित है । उनका कमरा और दरवाजा का रंग गुलाबी, हल्का पीला, सफेद(चमकीला) करवाएं जाय । यदि कुंडली में मंगल दोष की उपस्तिथि के कारण विवाह में विलंब होना सिद्ध हो रहा हो तो उनके कमरे के दरवाजे का रंग लाल अथवा गुलाबी रखना ही उत्तम होगा। ऐसे युवक/ युवती जिस पलंग पर सोते हों उसके नीचे लोहे की वस्तुएं या व्यर्थ का सामान नहीं रखना चाहिए। नैरित्य कोण उपस्तिथ दोष विवाह में अवरोध और वैवाहिक जीवन में बाधा उत्पन्न करता है. यदि नैरित्य कोण में रसोई या शौच का कार्य हो, नैरित्य कोण दूषित हो जता है. इसके अलावा यदि इस कोण में सेप्टिक टेंक हो, अंडर ग्राउंड पानी की टंकी हो, .कुआं हो, बोर हो, मुख्य प्रवेश द्वार हो तो भी वास्तु दोष उत्त्पन्न होता है. अतः विवाह सम्बन्धी बातों की नियमितता के लिए यह आवश्यक है की इन तथ्यों की ओरे भी ध्यान दिया जाय. विवाहोपरांत यदि संतान सम्बन्धी बातों को लेकर परेशानी पैदा हो रही हो तो इशान कोण के वास्तु को शुद्ध करें. देखें कही इशान कोण में कोई ऊँचा और भारी निर्माण कार्य जैसे सीढ़ी आदि तो नहीं है या यह कोण कहीं बंद तो नहीं है. इस कोण में सेप्टिक टेंक, शौचालय , किचन, ओवर हेड टेंक आदि की उपस्तिथि वास्तु दोष करक है.

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