संघर्ष ने सफलता दिलाई : कास्टिंग डायरेक्टर शाबिर

संघर्ष ने सफलता दिलाई : कास्टिंग डायरेक्टर शाबिर
  हजारीबाग के खुटरा निवासी शाबीर अली कर रहे परिवार का नाम रोशन,  मुबई में छोटे परदे के सीरियल में कास्टिंग डायरेक्टर का काम कर शाबिर ने परिवार ही नहीं हजारीबाग को भी गौरान्वित करने का काम किया है, करीब 20 साल पहले जब ये हजारीबाग छोड़ कर मुम्बई गए थे तब इनके पास न तो जॉब थी और न ही रहने का ठिकाना लेकिन लंबे समय के मेहनत और लगन के बल पर संघर्ष ने इनको सफलता दिलाई | कहा जा सकता है की हजारीबाग में भी कई ऐसे छुपे कलाकार है जो रास्ट्रीय स्तर पर अपना मुकाम हासिल किये है युवाओ को प्रेरणा देने का जज्बा शाबीर ने कर के दिखाया है | शाबिर अली अभी तक लगभग 20 सीरियल और एक दो फिल्मों में भी कास्टिंग कर चुके है |  एक ख़ास इन्टरव्यू शाबिर अली के साथ................  उन्होंने कहा की अभी तक मुंबई में जो कुछ भी किया अपने दम पर किया हूँ उन्होंने मुंबई में सहेज मुद्रा ऑफ़ आर्ट्स नाम से थिएटर भी खोली है  जहाँ वो बच्चो और बड़ों को एक्टिंग भी सिखाते है | उन्होंने कहा की अभी एक सीरियल आ रही है बाजीराव मस्तानी और इंग्लिश फिल्म की रिमेक मूवी हमलोग बना रहा है जिसकी कास्टिंग अभी चल रही है | बातो बातो में उन्होंने बताया की कास्टिंग करते करते फिल्मों में भी हमारी रुझान बढ़ने लगी है और आगे फिल्मो में भी काम करना चाहता हूँ |  उन्होंने अपने बारे बताया की उन्हें गाना गाने का बहुत शौक था वे दिल्ली में 7 साल तबला और क्लासिकल सिखा और अपना रुख मुंबई की ओर किया | उन्होंने मुंबई जाकर पी.वी.आर मल्टीप्लेक्स ज्वाइन किया और वहीँ से काम में लग गए | कुछ साल काम करने के लोगो को फिल्मे दिखाते दिखाते उनकी रुझान फिल्मो में काम करने की ओर जाने लगी और उन्होंने एक बड़े फैसले के साथ फिल्मो में काम करने का मन बना लिया और पीवीआर छोड़ दी | उन्होंने एक कास्टिंग डायरेक्टर के साथ काम सीखना शुरू किया धीरे -धीरे शाबिर की जान पहचान बड़े बड़े बॉलीवुड की कलाकारों के साथ होने लगी उस दौरान सबीर ने अमिताभ बच्चन, अमीर खान,हृतिक रोशन,शुश्मिता मुखर्जी, शबाना आज़मी जैसे बॉलीवुड के हस्तियों के साथ काम करने लगे और वे तरक्की की राह पर निकल पड़े और आज वे बतौर कास्टिंग डायरेक्टर काम करना शुरू कर दिया | जाते जाते उन्होंने कहा की मै झारखण्ड के लोग भी इस फील्ड में अपनी किस्मत अजमाना चाहते है मगर उन्हें सही मार्ग दर्शन नहीं मिल पाता है इसी लिए मै झारखण्ड में भी इसकी शाखा खोलना चाहता हूँ ताकि यहाँ के लोगों को भी आगे बढ़ने का मौका मिले  फलक शमीम

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