आज का दलित और पिछड़ा समाज कभी शासक हुआ करता था l
Jul 23, 2016, 18:30 IST
लखनऊ -बीएस-4 के तत्वाधान में 26 जुलाई को महाराजा बिजली पासी किला, लखनऊ में आयोजित रैली की सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है, बीएस-4 के कार्यकर्ता उत्साहित हैंl वे स्वयं छोटी बड़ी गाड़ियों का प्रबंध करके रैली में भरी संख्या में आयेंगे l जिम्मेदार सभी कार्यकर्ताओं को काम बाँट दिया गया है श्री सुमित पटेल,सानेंद्र वर्मा,श्री सतेन्द्र रावत ,राहुल वर्मा ,संजय गोस्वामी,तनवीर अहमद सिद्दीकी, मुख्या अतिथि माननीय नितीश कुमार जी मुख्यमंत्री बिहार सरकार का एयरपोर्ट पर स्वागत करेंगे रैली का पूरा प्रबंधन श्री तरुण रावत को सौपा गया है उनकी टीम में दिनेश वर्मा,अर्जुन सिंह “बंटी”, राजकिशोर “राजू”, गजराज रावत,संतोष रावत,उत्कर्ष वर्मा,वीरसिंह पटेल,मनोज चौरसिया,मोहम्मद सरफराज कुरैशी,गुलसन रावत आदि प्रमुख लोग हैं इसी के साथ बीएस-4 के वरिष्ट नेता श्री सुशील पासी,श्री बचान सिंह यादव,श्री जितेन्द्र रावत व रामकरन रावत (दोनों जिला पंचायत सदस्य ) और सतीश रावत सहित सैकड़ो नेता भीड़ निकलने में लगाये गये है l बिहार के पूर्व स्पीकर एवं जनता दल यूनाइटेड के नेता श्री उदय नारायण चौधरी और उनके प्रदेश अध्यक्ष श्री सुरेश निरंजन (भैय्या जी ) रैली में शामिल होने के लिए लखनऊ पहुँच चुके हैं l आज का दलित और पिछड़ा समाज कभी शासक हुआ करता था l आर्य–अनार्य संग्राम में उसे छल कपट और धोखा फरेब से हराया गया आर्यों ने उसका राज पाठ मान सम्मान, स्वाभिमान सब हरण कर के उसे दीन –हीन बना दिया संग्राम की इसी कड़ी में ,18 शताब्धि के उत्तरार्ध में महाराजा बिजली पासी लखनऊ के “गांजर” क्षेत्र में घमासान युद्ध करते हुए शहीद हो गये थे l वे आज के अवध क्षेत्र के राजा थे l उनके आधीन कुल 12 किला थे जो खंडहर की स्थति में आज भी मौजूद हैं l उनका बढता प्रभाव देख कर कन्नौज के राजा जयचंद सहित अनेको आर्य राजाओ ने आक्रमण कर दिया गांजर क्षेत्र में जिसे लखनऊ का गंजरिया फार्म कहते हैं 3 महिना 13 दिन घमासान युद्द हुआ l इसी में महाराजा बिजली पासी को धोखे में मारा गया l अनार्य राजाओं के पतन के बाद पूरा अनार्य जिसे आज हम “बहुजन समाज “ कहते हैं कमजोर होकर बदतर स्थति में जीवन बिताने को विवश हो गया l छत्रपति शाहूजी महराज कोल्हापुर के राजा थे उन्होंने राजा रहते अपने राज्य में 1902 में सबसे पहले अपने जन्मदिन पर 26 जुलाई को आरक्षण की व्यवस्था किया इसी लिए उन्हें “आरक्षण का जनक“ कहा जाता इसी आरक्षण से भारत के उस “बहुजन समाज“ के भागीदारी का सिलसिला शुरू हो सका जो मनुवादी व्यवस्था के चलते सदियों से दीनहीन बनकर गुलामो की जिंदगी जिने को मजबूर रहा l छत्रपति शाहूजी भारत में सामाजिक बदलाव के महानायक थे बीएस-4 (बहुजन समाज स्वाभिमान संघर्ष समिति) भारत के उन सभी महापुरुषों का सम्मान करता है जिन्होंने अपनी जिंदगी लगाकर “सामाजिक परिवर्तन आन्दोलन “ को आगे बढाया l इसी कड़ी में छत्रपति शाहूजी महाराज के जन्मदिवस 26 जुलाई 2016 बीएस-4 द्वारा रैली का आयोजन किया गया है रैली से आशा है की बहुजन समाज को सामाजिक परिवर्तन के लिए एक नई दिशा मिलेगी l