जेल में बंद कैदी ने दी तहरीर ! दर्ज करो बसपा नेताओं पर मुकदमा
Jul 24, 2016, 18:30 IST
कानपुर,।भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की बहन बेटियों पर बसपा नेताओं द्वारा की गई अर्यादित टिप्पणी जेल तक पहुंच गई है। जिसके चलते बंदियों में जबरदस्त रोष व्याप्त है। एक बंदी ने तो खाना-पीना छोड़कर अनशन पर भी बैठ गया। यही नहीं उसने लाॅकअप इंचार्ज के माध्यम से कोतवाली थाने में बसपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र भी भेज दिया। बंदियों द्वारा ऐसा किए जाने से जेल प्रशासन में भी ऊहाफूह की स्थित बनी हुई है।सदन से लेकर सड़क तक भाजपा नेता दयाशंकर सिंह द्वारा बसपा सुप्रिमो मायावती के खिलाफ की गई टिप्पणी का बसपा नेताओं ने विरोध किया। लेकिन उनका विरोध इतना मंहगा पड़ गया कि राजनीतिक पार्टियों से लेकर आम जनता तक सड़क में आ गई। अब तो यह मामला जेल तक भी पहुंच गया। बताते चलें कि 21 जुलाई को बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर व मेवालाल गौतम ने लखनऊ में विरोध दर्ज करते हुए सभी मर्यादाओं को पार कर गए। उन्हांेने पूर्व भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की बहन बेटी पर अर्मादित भाषा का प्रयोग किया। जिससे आहत होकर कानपुर जिला जेल के बंदियों ने धरना तक दे डाला। यही नहीं एक कैदी जिसका नाम विकास सचान है उसने तो अनशन तक कर डाला। यही नहीं उसने बकायदा लाॅकअप इंचार्ज के माध्यम से कोतवाली थाने में प्रार्थना पत्र देकर बसपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अपील भी की है। विकास सचान ने अपने पत्र में लिखा है दयाशंकर की बेटी की उम्र 12 वर्ष है ऐसे में पास्को एक्ट के तहत भी कार्रवाई होना चाहिए। जेल में दिखी संवेदनाएं- जेलर एस.पी. त्रिपाठी ने बताया कि समाज में तमाम प्रकार की घटनाएं घटित होती रहती है।जिसका विरोध राजनेताओं व सामाजिक संगठनों द्वारा किया जाना आम बात हो गई है।लेकिन मैं अपने सर्विस कैरियर में पहली बार ऐसा देख रहा हॅंू कि बंदियों में बहन बेटियों के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी से इस कदर आहत हुए हैं। जेल मंत्रालय तक पहुंचा मामला- जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि बंदियों के विरोध व एक बंदी द्वारा अनशन किए जाने के मामले को गंभीरता से लिया गया है। पूरे मामले पर जेल प्रशासन पैनी नजर बनाए हुए है। इसके साथ पूरे घटनाक्रम को बराबर जेल मंत्रालय तक पहंुचाया जा रहा है।