कारगिल विजय दिवस पाकिस्तान के मुह पर एक और तमाचा

कारगिल विजय दिवस पाकिस्तान के मुह पर एक और तमाचा
नई दिल्ली -उसकी फितरत में ही भितरघात है धोखा देना उसका मजहब और पीठ में छुरा घोपने की उसकी आदत अपने देश में भले ही फाका पड़ा हो लेकिन जमीं कब्जाने की उसकी नियत लेकिन उसे भी पता है की भारत के वीर सपूत मुहतोड़ जवाब देने में हैं सक्षम बात पाकिस्तान के बेईमान कारगिल काण्ड की जिसे उसने रचा था बड़े ही मनोयोग से लेकिन उसे आखिर कहानी पड़ी थी मुह की आज करगिल विजय दिवस है. सत्रह साल पहले पाकिस्तान को हराकर भारत ने करगिल में जीत हासिल की थी इसी के बाद से आज के दिन को विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है. द्रास में सुबह 8.30 बजे और 9 बजे इण्डिया गेट पर शहीदों को श्रधांजलि दी जाएगी. सत्रह साल पहले आज ही दिन देश के जांबाज सैनिकों ने पाकिस्तान को परास्त करके करगिल पर तिरंगा लहराया था. आज पूरा देश करगिल के शहीदों को सलाम कर रहा है. 1999 में पाकिस्तान ने पीठ में खंजर घोंपते हुए भारत की सीमा पर हमला किया था. भारत के वीर जवानों ने अपनी शहादत देकर न सिर्फ मुल्क की रक्षा की बल्कि पाकिस्तानियों के मंसूबे को नेस्तनाबूत कर दिया .पाकिस्तान ने साल भर पहले से हमले की तैयारी शूरू कर दी थी लेकिन बर्फ से ढंके करगिल में पाकिस्तान के मंसूबे को हम भांप नहीं पाए. नतीजा हुआ कि करगिल की लड़ाई में देश ने अपने 527 जवानों को खो दिया. 3 मई को सबसे पहले एक चरवाहे ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा था आज भी शहीद जवानों के परिवार वाले अपने सपूत को याद करके खुद पर गर्व महसूस करते हैं. देश भी उन शूरवीरों को सलाम करता है. 3 मई 1999 को सबसे पहले एक चरवाहे ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा था. सूचना मिलने के बाद बटालिक सेक्टर में लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया जब गश्त पर निकले तो घुसपैठियों ने हमला कर दिया. इसके बाद सेना के कुछ जवान कार्रवाई के लिए गए तो सामने से हो रही फायरिंग को देखकर अंदाजा हो गया कि ये घुसपैठ नहीं बल्कि हमला है. लद्दाख को कश्मीर से अलग करने की थी चाल पाकिस्तान को जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय शुरू किया और फिर शांत बैठा करगिल द्रास का इलाका युद्ध का मैदान बन गया. पाकिस्तान की मंशा लद्दाख को कश्मीर से अलग करने की थी. करीब दो महीने तक चली लड़ाई के बाद पाकिस्तान पूरी तरह टूट गया और फिर भारतीय जवानों ने 14 जुलाई 1999 को करगिल में जीत का तिरगा फहराया. बाद में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस का एलान किया. आज उसी विजय दिवस की सत्रहवीं सालगिरह है. पकिस्तान अपनी टीस को बार बार उभारता है जर्जर आर्थिक ढांचे को धो रहे पकिस्तान की नजर हमेशा से ही भारत पर रहती है लेकिन भारत ने हमेशा ही उसे उसकी औकात बता दी है ।

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