गुरुजनों पर जम कर कृपा बरसी बेसिक शिक्षा विभाग की और नौनिहाल हुए बेहाल

गुरुजनों पर जम कर कृपा बरसी बेसिक शिक्षा विभाग की और नौनिहाल हुए बेहाल
गोण्डा -यह विभाग गुरुजनों का है जहाँ योग्यता नहीं पहुच माने रखता है विभाग भले ही यह निर्देश देता रहे की कि विद्यालयों में छात्रों की उपस्तिथि और गुरुजनों की उपस्तिथि हो लेकिन तिकड़म के बल गुरूजी लोगों ने अपने मनपसंद जगहों पर नियुक्ति पायी और नतीजा यह रहा की कई विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती ही नहीं हुई जिस पर बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों द्वारा पसंद किये गये विद्यालयों मे तैनाती करने के लिये जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा नियम कानून व कायदे को दरकिनार कर दिया गया है। जैसे शिक्षा क्षेत्र झंझरी के दूर दराज वाले 04 विद्यालय मे शिक्षकों की तैनाती न किये जाने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और ऐसे ही कुछ विद्यालयों मे छात्रों के सापेक्ष अध्यापकों की संख्या कम है। नजदीकी व सुलभ रास्ते वाले विद्यालयों मे छात्रों के सापेक्ष अध्यापकों की संख्या अधिक है। इतना ही नही मुख्यालय से नजदीकी व सुलभ रास्ते वाले प्राथमिक विद्यालयों व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों मे 01 अध्यापक बढ़ाने के लिए छात्रों का पंजीयन बढ़ाने का खेल जोरों से किया गया है जबकि मुख्यालय से सटे विद्यालयों मे नामांकन के अनुसार 01 चैथाई छात्र भी उपस्थित नही पाये जाते हैं। शिक्षाक्षेत्र पंडरीकृपाल व शिक्षाक्षेत्र झंझरी के पूर्व माध्यमिक/प्राथमिक विद्यालयों मे छात्रों व अध्यापकों की संख्या निम्न प्रकार किया गया है जो नियमावली के विपरीत व जांच का विषय है। जन सूचना से हुआ खुलासा बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा दिये गये जनसूचना के अनुसार -शिक्षाक्षेत्र पंडरीकृपाल अंतर्गत पूर्व माध्यमिक विद्यालय क0 महादेवा मे 63 छात्र के सापेक्ष-04 अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय धनौली मे 117 छात्र के सापेक्ष-05 अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय महादेवा मे 101 छात्र के सापेक्ष-04 अध्यापक प्राथमिक विद्यालय दत्तनगर विसेन प्रथम मे 68 छात्र के सापेक्ष-04 अध्यापक प्राथमिक विद्यालय पिपरी बेलवार मे 51 छात्र के सापेक्ष-03 अध्यापक प्राथमिक विद्यालय गिलौली द्वितीय मे 53 छात्र के सापेक्ष-03 अध्यापक प्राथमिक विद्यालय रौतावां मे 52 छात्र के सापेक्ष-03 अध्यापक नियुक्ति किये गये हैं। -शिक्षाक्षेत्र झंझरी अंतर्गत पूर्व माध्यमिक विद्यालयों मे-पू0मा0वि0 नौबरा प्रथम मे 14 छात्र के सापेक्ष 02 अध्यापक पू0मा0वि0 नौबरा द्वितीय मे 20 छात्र के सापेक्ष 02 अध्यापक प्रा0वि0 कलन्दरपुर20 छात्र के सापेक्ष 02 अध्यापक प्रा0वि0 काजी तरहर मे 21 छात्र के सापेक्ष 02 अध्यापक प्रा0वि0 बेलभरिया मे 28 छात्र के सापेक्ष 02 अध्यापक ? प्राथमिक विद्यालय मल्थुआ शाहजोत मे 60 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक प्राथमिक विद्यालय गोपियापुर मे 59 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक प्राथमिक विद्यालय सरायजरगर मे 53 छात्र के सापेक्ष-03 अध्यापक प्राथमिक विद्यालय नेवादा मे 56 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक प्राथमिक विद्यालय डड़वा दसौतिया मे 36 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक प्रा0वि0 खुटेहना मे 37 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक प्रा0वि0 दसौतिया मे 33 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक प्रा0वि0 दखिनहनपुरवा मे 37 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक प्रा0वि0 रुद्रपुर विसेन द्वितीय मे 59 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक प्रा0वि0 बाबा कुट्टी हाषिमजोत 47 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक प्रा0वि0 हींगाजोत मे 52 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक प्रा0वि0 पंडितपुरवा मे 32 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक प्रा0वि0 किनकी मे 51 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक प्रा0वि0 रुद्रपुर विसेन प्रथम मे 58 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक प्रा0वि0 खोरहसा द्वितीय मे 50 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक प्रा0वि0 अलगरवापुर 49 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक प्रा0वि0 फिरोजपुर नवीन 35 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक थे प्रा0वि0 जखलिया मे 22 छात्र के सापेक्ष 03 अध्यापक ? प्रा0वि0 ठकुरहनपुरवा मे 90 छात्र के सापेक्ष 04 अध्यापक प्राथमिक विद्यालय अकबरपुर मे 90 छात्र के सापेक्ष 04 अध्यापक प्राथमिक वि0 बैकुण्ठपुर 43 छात्र के सापेक्ष 04 अध्यापक प्रा0वि0 पाण्डेयपुरवा मे 60 छात्र के सापेक्ष 04 अध्यापक प्रा0वि0 धरुकनपुरवा मे 75 छात्र के सापेक्ष 04 अध्यापक पू0मा0वि0 दुल्लापुर खालसा मे 68 छात्र के सापेक्ष 04 अध्यापक प्रा0वि0 जगदीष पुर मे 90 छात्र के सापेक्ष 04 अध्यापक पू0मा0वि0 घेसियाना मे 47 छात्र के सापेक्ष 04 अध्यापक थे प्रा0वि0खोरहसा प्रथम 80 छात्र के सापेक्ष 04 अध्यापक पू0मा0वि0 लोहराजोत मे 42 छात्र के सापेक्ष 04 अध्यापक पू0मा0वि0 जानकी नगर मे 56 छात्र के सापेक्ष 04 अध्यापक पू0मा0वि0 बनघुसरा द्वितीय मे 32 छात्र के सापेक्ष 04 अध्यापक पू0मा0वि0 काजीदेवर प्रथम मे 40 छात्र के सापेक्ष 04 अध्यापक पू0मा0वि0 बिरवा बभनी मे 52 छात्र के सापेक्ष 04 अध्यापक ? पू0मा0वि0 खिराभा मे 52 छात्र के सापेक्ष 05 अध्यापक पू0मा0वि0 छावनी सरकार मे 90 छात्र के सापेक्ष 04 अध्यापक पू0मा0वि0 पूरे षिवा बख्तावर मे 76 छात्र के सापेक्ष 05 अध्यापक पू0मा0वि0 ऊंचे झंझरी मे 109 छात्र के सापेक्ष 05 अध्यापक पू0मा0वि0 पंडरी षंकर मे 105 छात्र के सापेक्ष 05 अध्यापक पू0मा0वि0 हारीपुर नवीन मे 83 छात्र के सापेक्ष 05 अध्यापक प्रा0वि0 बभनी कानूनगो प्रथम मे 61 छात्र के सापेक्ष 05 अध्यापक प्रा0वि0 जमदरा मे 67 छात्र के सापेक्ष 05 अध्यापक पू0मा0वि0 इमरती विसेन आदि मे 63 छात्र के सापेक्ष 05 अध्यापकों की नियुक्ति कर नियमावली को दरकिनार किया गया है। -क्या कहते है बेसिक शिक्षा विभाग के नियम नियमावली के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों मे 30 छात्र के सापेक्ष 01 अध्यापक होना चाहिए। नियम कानून को नजरंदाज कर अपने चहेते व पहुंच वाले अध्यापकों को नजदीकी एवं सुलभ रास्ते के नजदीकी विद्यालयों मे तैनात किया गया है। जबकि दूर दराज वाले रास्ते पर स्थित प्रा0वि0 एकमा मे 68 छात्र,प्राथमिक विद्यालय भमैचा 55 छात्र,प्रा0वि0 नौबरा डीह 58 छात्र,प्रा0वि0 गौरवा कानूनगो आदि मे 120 छात्र पंजीकृत होने के बावजूद शिक्षकों की तैनाती न किये जाने से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। शिक्षा क्षेत्र झंझरी अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों मे नियमावली को दरकिनार कर अध्यापकों की तैनाती किये जाने के बावजूद पूर्व माध्यमिक विद्यालयों मे एक ही विषय के दो-दो अध्यापकों की तैनाती कर दिया गया है जबकि 04 विद्यालय मे अध्यापक विहीन है जो नियमावली के विपरीत है। मिली जानकारी के तहत नियमावली के अनुसार पूर्व माध्यमिक विद्यालयों मे एक विषय का एक अध्यापक होना चाहिए लेकिन विभाग की रहमदिली के चलते शिक्षाक्षेत्र झंझरी के 04 प्राथमिक विद्यालयों मे अध्यापक ही नही हैं। और सुलभ रास्ते वाले नजदीकी करीब 03 दर्जन विद्यालय प्राथमिक विद्यालयों मे छात्रों के सापेक्ष अध्यापकों की नियुक्ति मानक के विपरीत है। इतना ही नही पूर्व माध्यमिक विद्यालय काजीदेवर प्रथम-शहनाज बानो सा0विषय, रूबीना परवीन सा0विषय, पूर्व माध्यमिक विद्यालय वनघुसरा द्वितीय-लीला श्रीवास्तव सा0विषय, अन्नू श्रीवास्तव सा0विषय, पूर्व माध्यमिक विद्यालय खिराभा-मो0 शरीफ भाषा, हुमा हाशमी भाषा, पूर्व माध्यमिक विद्यालय छावनी सरकार-रीता मिश्रा विज्ञान, सविता तिवारी विज्ञान, पूर्व माध्यमिक विद्यालय पूरे शिवा बख्तार-किरन श्रीवास्तव सा0विषय,शीला पाण्डेय सा0विषय, पूर्व माध्यमिक विद्यालय ऊँचे झंझरी-मंजू कंचन विज्ञान,बंदना मिश्रा विज्ञान, पूर्व माध्यमिक विद्यालय हारीपुर नवीन-गीता देवी भाषा,उमा सिंह भाषा, पूर्व माध्यमिक विद्यालय दुल्लापुर खालसा-गाायत्री यादव विज्ञान, सुरेश कुमार सिंह विज्ञान, पूर्व माध्यमिक विद्यालय इमरती विसेन-पूनम श्रीवास्तव भाषा, निशा सिंह भाषा के अध्यापक हैं। वहीं बुद्धिजीवियों का कहना है कि जनपद के अधिकतर पूर्व माध्यमिक विद्यालयों व प्राथमिक विद्यालयों की रंगाई-पुताई वित्तीय वर्ष 2015-2016 मे नही कराया गया तो विभाग द्वारा भेजा गया विद्यालय विकास अनुदान व अनुरक्षण अनुदान आखिर कहां खर्च हुआ 2-विद्यालयों के शौचालय आखिर निष्प्रयोज्य क्यों हैं 3-अधिकतर विद्यालयों मे खेल कूद के यंत्र नही मौजूद मिलते हैं तो खेलकूद के अध्यापक क्या सिखाते हैं। 4-जब विद्यालयों मे कंप्यूटर नही है तो अनुदेशक छात्रों को शिक्षा किस प्रकार देते है। इतना ही नही विद्यालय विकास अनुदान व अनुरक्षण अनुदान मे भारी खेल हुआ है विदित हो कि वित्तीय वर्श 2015/2016 मे विभाग द्वारा भेजे गये विद्यालय विकास अनुदान व अनुरक्षण अनुदान मे भारी बंदरबांट होने की चर्चाएं चल रही है अधिकतर विद्यालयों की रंगाई पुताई व मरम्मत आदि नही कराया गया और न ही खेल कूद के सामग्री ही विद्यालयों मे पाये जाते हैं। बताते चलें कि प्राथमिक विद्यालयों मे अनुरक्षण अनुदान विद्यालय विकास अनुदान मिलाकर प्रतिवर्ष 10000 रुपये व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों मे प्रतिवर्ष 12000 रुपये विभाग द्वारा भेजे जाने के बावजूद अधिकतर विद्यालयों मे शौचालय निष्प्रयोज्य, विद्यालय भवन का फर्श जगह-जगह टूटा, रंगाई पुताई नही, खेलकूद के यंत्र मौजूद न पाये जाने से विभागीय मिलीभगत अनुमान लगाया जा सकता है। शिक्षाक्षेत्र पंडरीकृपाल अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय पिलखावां मे हैण्डपंप निष्प्रयोज्य छत गिरने के कगार पर षौचालय निश्प्रयोज्य रंगाईपुताई नही वहीं सटे पूर्व माध्यमिक विद्यालय बज्ज्डिहवा मे रस्सी के सहारे रुका हुआ दरवाजा, बरामदा गड्ढ़ायुक्त शौचालय निश्ष्योज्य रंगाई पुताई हुआ ही नही तो कहां गया विद्यालय विकास अनुदान व अनुरक्षण अनुदान इतना ही नही छात्रों को खेलकूद व्यायाम आदि सिखाने के लिए विभाग द्वारा कई अध्यापकों/अनुदेशकों की नियुक्ति किया गया है जिनके बारे मे जानकारी लेने पर दर्जनों विद्यालयों के छात्रों ने बताया कि हमे तो आज तक खेलकूद नही सिखाया गया है। अब सवाल यह उठता है कि जब खेलकूद नही सिखाया जाता तो खेल कूद के अध्यापक कहां रहते हैं यदि विद्यालय द्वारा खेल कूद यंत्र क्रय किया गया है तो कहां रखा गया है जिसकी खबर कईयों बार समाचार पत्रों मे प्रकाशित होने के बावजूद प्रशासन द्वारा जांच व कार्यवाही न करने से प्रशासनिक कार्यशैली पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं जो जांच का विषय है।

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