वादा खिलाफी,आज से कलमबंद भूख हड़ताल पर आंगनबाड़ी इन्दिरा भवन प्रागण में लगेगा जमावड़ा
Aug 6, 2016, 18:30 IST
एक माह पूर्व सात सूत्रीय मांगों पर राज्य मंत्री और प्रमुख सचिव से हुई थी वार्ता लखनऊ- प्रदेष आंगनबाड़ी कार्यकत्री सहायिका संघ सात सूत्रीय मांगों को लेकर आन्दोलनरत कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं ने 21 जून को धरना स्थल लक्ष्मण मेला मैदान हजारों की संख्या में सहायिकाएं पहुंचकर जोरदार धरना एवं प्रदर्षन किया था। इसके उपरान्त जैसे ही वे पूर्व घोषित कार्यक्रमानुसार एनेक्सी की ओर रैली के लिए रवाना होने वाली थी षासन के प्रतिनिधियों ने उन्हें रोक लिया और उनकी वार्ता षासन स्तर पर राज्य मंत्री बाल विकास पुष्टाहार कैलाष चौरसिया एवं प्रमुख सचिव बाल विकास पुष्टाहार डिम्पल वर्मा से वार्ता कराई थी और आश्वासन मिला था कि एक माह में समस्याओं का निदान कर दिया जाएगा। लेकिन अब तक कोई आदेश जारी न होने से नाराज आंगनवाड़ी कार्यकत्री सहायिका संघ ने 8 अगस्त से कमलबंद भूख हड़ताल का निर्णय लिया है। यह जानकारी देते हुए संघ की अध्यक्ष किरन वर्मा एवं महामंत्री कमलेष यादव ने बताया कि यह कलमबंद भूख हड़ताल इन्दिरा भवन प्रागण में किया जा रहा है। इसमें जनपदवार पदाधिकारी भूख हड़ताल पर होगें। यही नही कलमबंद हड़ताल पूरे प्रदेश में चलेगी और यह तब तक जारी रहेगी जब तक उनकी मांगों का समाधान नही हो जाता। उन्होंने बताया कि 21 जून को राज्य मंत्री और प्रमुख सचिव ने वार्ता के दौरान मांगों पर षीघ्र ही मुख्यमंत्री से वार्ता कर मांगों का निस्तारण करने तथा जिलाधिकारियों को यह निर्देष जारी करने का आष्वासन दिया कि ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं से बीएलओ सहित अन्य विभागों के कार्य न लिये जाने के लिए आदेष जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक माह का समय दिया जाए उनकी अधिकत्तर मांगों का निस्तारण होगा। इस दौरान प्रमुख सचिव ने भी इनके अल्प वेतन की वकालत मंत्री से की थी। उ.प्र. आंगनबाड़ी कार्यकत्री सहायिका संघ की अध्यक्ष किरन वर्मा और महामंत्री कमलेष यादव ने संयुक्त रूप कहा कि प्रदेष सरकार को ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं की उपेक्षा मंहगी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि हमारे संवर्ग से पूरी तरह से सरकारी काम लिया जा रहा है लेकिन हमें न तो सरकारी दर्जा दिया जा रहा है न ही भरपेट भोजन ही मिल पा रहा है। छोटी छोटी मांगों के निस्तारण के लिए हमारा संवर्ग लगातार संघर्ष कर रहा है लेकिन न तो निदेषक हमारी मांगों को सुन रहे है न ही सरकार सुन रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने हमारी मांगों पर विचार न किया तो आगामी चुनाव में ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियॉ और सहायिकाएं और उनके परिजन सरकार के विपक्ष में मतदान कर अपना विरोध दर्ज करा सकते है। उन्होंने कहा कि उ.प्र. आंगनबाड़ी कार्यकत्री सहायिका संघ की सात सूत्रीय मांग पत्र पर लगातार पत्राचार और ज्ञापन दिये जा चुके है। मुख्य मांगों में कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को राज्य कर्मी का दर्जा,कार्यकत्रियों को 15 हजार तथा सहायिकाओं को 7.500 वेतनमान, मिनी आंगनबाडी कार्यकत्री को 15.000 रुपये, आंगनबाड़ी केन्द्रो में ग्रीष्मकालीन अवकाष, कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को सेवानिवृत्ति पर पेंषन, मुख्य सेविकाओं के रिक्त पदों पर तत्काल पदोन्नति, कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को पॉच-पॉच लाख का बीमा,कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के मानदेय में प्रतिवर्ष 25 प्रतिषत की वृद्धि और हॉड कुक्ड योजना के तहत प्रत्येक केन्द्र में गैस कनेक्षन की मांग शामिल है।