अपनों पर कार्यवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रही सपा

अपनों पर कार्यवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रही सपा
उरई (जालौन) में सपा समर्पित जिला पंचायत अध्यक्ष की हार का मामला

लखनऊ- हाल ही में उरई जालौन जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए संपन्न हुए उपचुनाव में सारे समीकरण पक्ष में होने के बावजूद सपा प्रत्याशी की हार ने पार्टी के शीर्ष नेतृतव को झकझोर कर रख दिया है | पार्टी को सबसे ज्यादा तकलीफ इस बात से है कि इस हार की वजह विपक्षी दल न होकर उनकी ही पार्टी के असरदार लोग हैं | सूबे की सत्तारूढ़ सपा को यह उपचुनाव हारना बेहद नागवार गुजरा है| इसी वजह से अगले दिन उरई में तीन जिला पंचायत सदस्य समेत चार सपाइयों को पार्टी से बर्खास्त भी कर दिया गया | इस बर्खास्तगी से इतना साफ़ है कि सपा नेतृतव अच्छी तरह जानता है कि इस हार की असली वजह क्या है |भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि सपा सुप्रीमो के करीबी व बुंदेलखंड के एक पूर्व माननीय को कई महीने पहले पार्टी की मुख्य धारा से हटाकर हाशिये पर ला दिया गया था जिसकी काफी प्रतिक्रिया भी हुई थी | उरई जालौन जिला पंचायत अध्यक्ष पद के उपचुनाव में यही फैक्टर खास रहा और पार्टी प्रत्याशी जीत की चौखट पर पहुँच कर भी निर्दल व हर मामले में कमजोर प्रत्याशी से चुनाव हार गया |
"नेताजी" व पार्टी के थिंकटैंक के करीबी होने से नहीं हो पा रही कार्यवाई

गौरतलब है गत सोमवार को हुए इस उपचुनाव में जनपद के 25 जिला पंचायत सदस्यों ने मतदान किया था जिसमे निर्दल महिला प्रत्याशी सुमन निरंजन को 15 व सपा की आशना खातून को सिर्फ 10 मत मिले थे
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गई सुमन निरंजन को भाजपा का बाहरी समर्थन प्राप्त था | सूत्रों का यह भी कहना है कि "नेताजी" व पार्टी के थिंकटैंक के करीबी होने के वजह से सीएम व प्रदेश के ताकतवर कबीना मंत्री की बेहद नाराजगी के बावजूद इस हार के असली सूत्रधार के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं हो पा रही है |

Share this story