काश ! करोड़ों में टिकट न बेचती बसपा
Sep 3, 2016, 18:30 IST
लखनऊ - आगामी विधानसभा चुनाव के लिए विभिन्न क्षेत्रों में बसपा के टिकटों की बोली न लगाई गई होती और अरबों रूपये की वसूली न की गई होती तो सूबे में बिगड़ी कानून व्यवस्था व चौतरफा फैले भ्रस्टाचार की वजह से मतदाता बसपा को अपनी पहली पसंद मानकर उसकी सरकार बना देते |हाल ही में बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं ने बसपा सुप्रीमो पर सीधा आरोप लगाया कि वो हर विधानसभा सीट पर पार्टी टिकट से चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से करोड़ों रूपये की वसूली कर रही हैं |अब मतदाता बसपा के संभावित उम्मीदवारों से सीधे कहने लगे हैं कि कितने करोड़ देकर टिकट पक्का किया है वहीँ जाकर टिकट रखाओ वर्ना ज्यादा धन देकर कोई भी तुम्हारा टिकट कटवा देगा |बदले माहौल में बसपा के संभावित उम्मीदवारों की स्थिति बड़ी दयनीय हो गई है वो क्षेत्र में भ्रमण करते हैं तो टिकट बदलने का खतरा और टिकट बचाते है तो क्षेत्र वासियों से न मिलने कि शिकायत |
बिना मेहनत के पूर्ण बहुमत की सरकार बनाती बसपा बसपा के एक पदाधिकारी (जो बसपा सुप्रीमो के बिरादरी के नहीं है ) का कहना है कि यदि इस बार बिना करोड़ों का चंदा लिए पार्टी ने ज्यादातर सीटों पर सिर्फ जिताऊ प्रत्याशियों को तलाश कर चुनाव मैदान में उतारा होता तो कोई ताकत नहीं थी जो अकेले दम पर बसपा को सत्ता में आने से रोक सकती प्रत्यशियों को अपना धन व सारी ताकत चुनाव जीतने में ही लगानी होती |अब स्थिति बदल गई है सूबे के खास व आम सभी बखूबी जान गए हैं कि बसपा में बिना मोटी रकम खर्च किये टिकट देने वाले नेता से मुलाकात तो होती नहीं , टिकट की तो बात ही और है| यहाँ हर टिकट चाहने वाला अटैची में करोड़ों रूपये भर कर आता है और बिना तर्क वितर्क किये मुंह से निकली हुई धनराशि जमाकर टिकट पक्का कराता है |
संभावित प्रत्याशी ने वापस लिए पैसे सुल्तानपुर के एक संभावित प्रत्याशी ने बताया कि वो अपनी रकम इसलिए पार्टी पदाधिकारी से वापस ले लिये क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि उनकी ही सीट पर दूसरे नेता से ज्यादा रकम जमा कराई जा रही है |जागरूक मतदाताओं का कहना है कि जो नेता करोड़ों खर्च कर टिकट लायेगा फिर करोड़ों खर्च कर चुनाव लडेगा वो जीतने के बाद जनता के साथ कितनी ईमानदारी बरत पायेगा |
बिना मेहनत के पूर्ण बहुमत की सरकार बनाती बसपा बसपा के एक पदाधिकारी (जो बसपा सुप्रीमो के बिरादरी के नहीं है ) का कहना है कि यदि इस बार बिना करोड़ों का चंदा लिए पार्टी ने ज्यादातर सीटों पर सिर्फ जिताऊ प्रत्याशियों को तलाश कर चुनाव मैदान में उतारा होता तो कोई ताकत नहीं थी जो अकेले दम पर बसपा को सत्ता में आने से रोक सकती प्रत्यशियों को अपना धन व सारी ताकत चुनाव जीतने में ही लगानी होती |अब स्थिति बदल गई है सूबे के खास व आम सभी बखूबी जान गए हैं कि बसपा में बिना मोटी रकम खर्च किये टिकट देने वाले नेता से मुलाकात तो होती नहीं , टिकट की तो बात ही और है| यहाँ हर टिकट चाहने वाला अटैची में करोड़ों रूपये भर कर आता है और बिना तर्क वितर्क किये मुंह से निकली हुई धनराशि जमाकर टिकट पक्का कराता है |
संभावित प्रत्याशी ने वापस लिए पैसे सुल्तानपुर के एक संभावित प्रत्याशी ने बताया कि वो अपनी रकम इसलिए पार्टी पदाधिकारी से वापस ले लिये क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि उनकी ही सीट पर दूसरे नेता से ज्यादा रकम जमा कराई जा रही है |जागरूक मतदाताओं का कहना है कि जो नेता करोड़ों खर्च कर टिकट लायेगा फिर करोड़ों खर्च कर चुनाव लडेगा वो जीतने के बाद जनता के साथ कितनी ईमानदारी बरत पायेगा |