गायत्री प्रजापति के सिंडिकेट को बचाने का प्रयास कर रही सरकार

गायत्री प्रजापति के सिंडिकेट को बचाने का प्रयास कर रही सरकार
लखनऊ-गायत्री प्रजापति के हटाने के सम्बन्ध में समाजसेवी नूतन ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मात्र पार्टी और सरकार के बड़े लोगों को सीबीआई से बचाने का प्रयास है|
गायत्री प्रजापति के सम्बन्ध में उनकी शिकायत के प्रमुख तथ्य----
सिंडिकेट के प्रमुख सहयोगी- विकास वर्मा, पिंटू यादव, पिंटू सिंह
संपत्ति निम्न के नाम से –अनिल प्रजापति (पुत्र), अनुराग प्रजापति (पुत्र), सुधा (पुत्री), अंकिता (पुत्री), महाराजी (पत्नी), गुड्डा (महिला सहयोगी), रामशंकर (भाई), जगदीश प्रसाद (भाई), राम सहाय (ड्राईवर), रामराज (सहयोगी), पूनम (गुड्डा की बहन), सुरेन्द्र कुमार बैठा, प्रमोद कुमार सिंह, सरोज कुमार, जन्मेजय खखार, देवतादीन,
कंपनी-
1. डिसेंट कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली (निदेशक- अनिल प्रजापति)
2. लाइफ क्योर मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड, नयी दिल्ली (निदेशक- अनिल प्रजापति)
3. एमजी कोलोनाइज़र, (पूर्व निदेशक- गायत्री प्रजापति, बाद में पुत्र अनिल प्रजापति)
4. शुभांग एक्सपोर्ट लिमिटेड, कोलकाता (निदेशक- अनिल प्रजापति)
5. ड्रीम डेस्टिनेशन इन्फ्रा-लैंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ (निदेशक- आलोक श्रीवास्तव)
6. पावनी देवेलोपेर्स प्राइवेट लिमिटेड (निदेशक- विकास वर्मा)
7. वैष्णो इन्फ्राहाइट्स प्राइवेट लिमिटेड (निदेशक- विकास वर्मा)26 दिसंबर 2014 को लोकायुक्त को शिकायत की और लोकायुक्त ने 25 मई 2015 को अपनी रिपोर्ट में प्रजापति को क्लीनचिट दिया. इलाहबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच में प्रजापति की संपत्ति की एसआईटी जाँच के लिए मेरे द्वारा दायर रिट याचिका संख्या 11178/2015 वर्तमान में कोर्ट में लंबित है.
प्रजापति द्वारा नूतन ठाकुर और उनके पति अमिताभ ठाकुर को फर्जी बलात्कार सहित तमाम मामलों में फंसाने के सम्बन्ध में मेरे द्वारा थाना गोमतीनगर में दर्ज मुकदमे की सीबीआई जाँच के लिए याचिका पर परसों हाई कोर्ट में सुनवाई है.

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