नौ दिन में ही बसपा से फिर निकाले गए बाहुबली पूर्व सांसद धनञ्जय सिंह

नौ दिन में ही बसपा से फिर निकाले गए बाहुबली पूर्व सांसद धनञ्जय सिंह

लखनऊ- जौनपुर के बाहुबली पूर्व सांसद धनञ्जय सिंह का भाग्य साथ नहीं दे रहा है | अभी नौ दिन पहले चार सितम्बर को इलाहाबाद में आयोजित बसपा की "सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय" रैली में पार्टी सुप्रीमो मायावती के साथ मंच साझा कर वे बसपा में दोबारा जुड़े ही थे कि सपा के साथ ही बसपा पर भी बाहुबली दबंगों की पार्टी के आरोप लगने लगे | इसी के मद्देनजर मंगलवार को पूर्व सांसद धनञ्जय सिंह को पार्टी से फिर निकाल दिया गया | इसकी घोषणा कोआर्डिनेटर डॉ राम कुमार कुरील ने की|
गौरतलब है कि जौनपुर जनपद की रारी विधानसभा से वर्ष 2002 व 2007 में लगातार दो बार विधायक चुन कर राजनीति शुरू करने वाले धनञ्जय सिंह वर्ष 2009 में जौनपुर से बसपा के सांसद बने | इनके द्वारा खाली की गई विधानसभा सीट पर वर्ष 2009 के उपचुनाव में इनके पिता राजदेव सिंह विधायक बने | बाद में राजदेव सिंह बसपा से एमएलसी भी रहे | बाद में नौकरानी द्वारा लगाये गए चारित्रिक आरोप में धनञ्जय सिंह को जेल भी जाना पड़ा | नौकरानी की हत्या भी हो गई | तभी बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था | वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में धनञ्जय सिंह ने पत्नी डॉ जाग्रति सिंह को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ाया जिसमे वह हार गई थी |

इलाहाबाद की रैली में मायावती के साथ मंच साझा करने पर उठे थे सवाल

बीते चार सितम्बर को इलाहाबाद की रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ बाहुबली पूर्व सांसद ने भी मंच साझा किया था |इसी मंच से मायावती ने कहा था कि समाजवादी पार्टी गुंडों की पार्टी है | इसी के बाद बसपा की रैली में पूर्व सांसद धनञ्जय सिंह की मंच पर मौजूदगी को लेकर सवाल उठने लगे | रैली में बसपाइयों ने खुलेआम कहा था कि धनंजय सिंह को मंच पर बैठाकर "बहनजी" ने अच्छा सन्देश नहीं दिया है | बसपाइयों की यही आवाज मायावती तक पहुंची और उनके निर्देश पर कोआर्डिनेटर डॉ राम कुमार कुरील ने बाहुबली पूर्व सांसद धनञ्जय सिंह को पार्टी से निकाले जाने की घोषणा कर दी |

पूर्व सांसद पर कार्रवाई से समर्थक भौचक

बाहुबली पूर्व सांसद धनञ्जय सिंह को बसपा से दोबारा निकले जाने की खबर से उनके हजारों समर्थक हतप्रभ हैं | उनका कहना है कि पूर्व सांसद को यदि पार्टी में नहीं रखना था तो उन्हें शामिल ही क्यों किया गया | ऐसी कार्रवाई कर किसी भी नेता को अपमानित करने का अधिकार किसी राजनीतिक दल के नेता को नहीं है | आने वाले विधानसभा चुनाव में बसपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा |




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