नौ अक्टूबर को लखनऊ में उमडेगा बसपाइयों का हुजूम
Sep 21, 2016, 18:30 IST
लखनऊ- नवरात्र के आख़िरी दिन नौ अक्टूबर को लखनऊ में प्रदेश भर से आये लाखों बसपाइयों का ऐसा रेला उमडेगा जिससे यातायात व्यवस्था तो ध्वस्त होगी ही शहर में पैदल निकलना भी आसान नहीं होगा | बसपा संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर बीते लोकसभा चुनाव के बाद यह पार्टी की सबसे बड़ी रैली होगी जिसे बसपा सुप्रीमो मायावती संबोधित करेंगी | इस रैली में सूबे के सभी विधानसभा क्षेत्रों से बसपा कार्यकर्ता लाये जायेंगे और उन्हें पार्टी की नीतियों व आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशियों को भारी मतों से जिताने की बात समझाई जायेगी |
जोनल कोआर्डिनेटरों को सौंपी गई कमान
इस बाबत मंडलवार तैयारी बैठकें शुरू कर दी गई है जिसमे जोनल कोआर्डिनेटरों व बसपा के प्रभावशाली नेता विधानसभा प्रत्याशियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित कर रहे हैं ताकि कार्यकर्ताओं को लखनऊ लाने व ले जाने के साधन आदि पहले से ही जुटाए जा सकें | भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि हर विधानसभा प्रत्याशी को निर्देशित किया गया है कि वह अपनी विधानसभा से पांच हजार कार्यकर्ता रैली में जरुर लायें ताकि अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को बसपा की ताकत का एहसास विधानसभा चुनाव से पहले ही एक बार और हो जाए | पार्टी के प्रभावशाली नेताओं को साफ़ कह दिया गया है कि जिन विधानसभाओं से अपेक्षित कार्यकर्ताओं की भीड़ प्रत्याशी द्वारा लखनऊ रैली में नहीं लाई जायेगी उनके टिकट पर फिर से विचार भी किया जा सकता है |अब बसपा प्रत्याशियों के सामने नई समस्या कड़ी हो गई है | अभी तक क्षेत्र में दौरा कर पार्टी के प्रचार प्रसार व अपने समर्थन के लिए लाखों रूपये खर्च कर चुके प्रत्याशी एकायक पचासों बसें व अन्य दर्जनों चौपहिया वाहन कहाँ से जुटाएंगे और उन्हें लाने तथा कार्यकर्ताओं के खाने आदि की व्यवस्था कहाँ से करेंगे | बसपा के पदाधिकारियों को खुश करने के लिए उनका इंतजाम प्रत्याशियों को अलग से करना पड़ेगा |
इस बाबत मंडलवार तैयारी बैठकें शुरू कर दी गई है जिसमे जोनल कोआर्डिनेटरों व बसपा के प्रभावशाली नेता विधानसभा प्रत्याशियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित कर रहे हैं ताकि कार्यकर्ताओं को लखनऊ लाने व ले जाने के साधन आदि पहले से ही जुटाए जा सकें | भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि हर विधानसभा प्रत्याशी को निर्देशित किया गया है कि वह अपनी विधानसभा से पांच हजार कार्यकर्ता रैली में जरुर लायें ताकि अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को बसपा की ताकत का एहसास विधानसभा चुनाव से पहले ही एक बार और हो जाए | पार्टी के प्रभावशाली नेताओं को साफ़ कह दिया गया है कि जिन विधानसभाओं से अपेक्षित कार्यकर्ताओं की भीड़ प्रत्याशी द्वारा लखनऊ रैली में नहीं लाई जायेगी उनके टिकट पर फिर से विचार भी किया जा सकता है |अब बसपा प्रत्याशियों के सामने नई समस्या कड़ी हो गई है | अभी तक क्षेत्र में दौरा कर पार्टी के प्रचार प्रसार व अपने समर्थन के लिए लाखों रूपये खर्च कर चुके प्रत्याशी एकायक पचासों बसें व अन्य दर्जनों चौपहिया वाहन कहाँ से जुटाएंगे और उन्हें लाने तथा कार्यकर्ताओं के खाने आदि की व्यवस्था कहाँ से करेंगे | बसपा के पदाधिकारियों को खुश करने के लिए उनका इंतजाम प्रत्याशियों को अलग से करना पड़ेगा |