जब आप हो इन परेशानियों में तो करें सुन्दरकाण्ड का पाठ चमत्कार

जब आप हो इन परेशानियों में तो करें सुन्दरकाण्ड का पाठ चमत्कार
डेस्क - आज के युग में कोई भी ऐसा नहीं है जो परेशान न हो समस्याओं से घिरा ( हो ऐसे में आध्यात्म जहाँ एक बल प्रदान करता है वहीँ इसके शरण में जाने वाले लोग खुद भी अचम्भा करते हैं कि उनके ऊपर बजरंगबली की कृपा किस तरह से हो रही है | जो लोग यह मान चुके हैं कि उनकी समस्याओं कका कोई अंत नहीं है उनके लिए यह और भी जरुरी हो जाता है कि वह बजरंगबली की शरण में जाएँ और उनसे मांगे जो कुछ भी उन्हें चाहिए | श्रीरामचरितमानस में सुन्दरकाण्ड पाठ
sundarkand ka path
का बहुत महत्त्व है। इस पाठ के लाभ अनन्त हैं। जीवन में जब व्यक्ति को किसी समस्या का हल कहीं ढूंढे नहीं मिलता, विद्वजन सुन्दरकाण्ड के नियमित पाठ ramayana sundarkand )की सलाह देते हैं। कुछ बातें शोध के लिए नहीं, बल्कि श्रद्धापूर्वक करने के लिए होती हैं। विद्यार्थियों, नवयुवकों के लिए मात्र इतना ही जानना पर्याप्त है कि हमारे धर्मग्रन्थ जीवन का आधार हैं, पथ-प्रदर्शक हैं।
(१) विद्यार्थी, कितने ही विषय पढ़ा करते हैं, लेकिन पढ़ाई का तनाव उनके चेहरे पर स्पष्ट देखा जा सकता है। समय निकालकर प्रतिदिन 5 मिनट भी पूरी श्रद्धा से इसका पाठ चमत्कारी परिवर्तन लाता है। इसका पाठ बुद्धि कुशाग्र करता है, और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। पढ़ा हुआ विषय याद रहता है। कहने की आवश्यकता नहीं कि परीक्षा में अच्छे अंक लाने में मददगार होता है। बहुत छोटे बच्चों को सुन्दरकाण्ड का श्रवण कराया जा सकता है जो कि उतना ही लाभकारी होता है।
(२) मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति को झूठे मुक़दमे में फंसा दिया गया हो या किसी पर झूठा आरोप लगा हो, इस पाठ को करने से फैसला व्यक्ति के पक्ष में हो जाता है, और सभी आरोप झूठे साबित होते हैं।
(३) कितने ही लोग घर से निकलते समय इस भय और आशंका से ग्रस्त होते हैं कि उनके जाने के बाद घर के सदस्यों पर कोई संकट न आ जाए, कोई अनहोनी न हो जाए, ऐसी स्थिति में सुन्दरकाण्ड ramcharitmanas hindiका पाठ करके घर से निकलना न केवल भयमुक्त करता है, बल्कि घर की सुरक्षा भी होती है। यदि आप सुनसान जगह पर रहते है और किसी अनहोनी का डर लगा रहता हो तो नित्यप्रति इसका पाठ करने से अनेक बाधाओं से मुक्ति मिलती है और आत्मबल बढ़ता है।
(४) घर का मुखिया पूरी गाड़ी का इंजन होता है। उसकी उन्नति-अवनति पूरे घर को प्रभावित करती है, इसलिए उसे यह पाठ पूर्ण श्रद्धा के साथ नियमित रूप से करना चाहिए।
(५) जब यह आभास हो कि घर में कोई बेटा या बेटी मनमानी कर रहा है, पढ़ाई में मन नहीं लगाता, सुबह देर से उठता है, तो उसे डांटने, कोसने और कलह करने के बजाय उसी कक्ष में रेकॉर्डेड सुन्दरकाण्ड बहुत धीमे स्वर में प्ले कर दें। कुछ दिनों तक नियमित रूप से यह क्रिया आश्चर्यजनक परिवर्तन लाती है।
(६) यदि घर का कोई सदस्य घर से दूर गया हो और उससे संपर्क न हो पा रहा हो या आपको उसकी कोई जानकारी न मिल पा रही हो, ऐसी स्थिति में यह पाठ करने से आपको उस सदस्य की जानकारी भी मिलेगी और सम्बंधित व्यक्ति की निश्चित ही रक्षा भी होगी।
(७) यदि किसी को अक्सर दु:स्वप्न आते हों या रात को अनावश्यक डर लगता हो, इसके पाठ से निश्चित ही लाभ मिलेगा।
(८) जीवन में कभी ऐसा भी होता है कि तमाम काबिलियत के बाद भी व्यक्ति को रोजी-रोटी भी कमाना कठिन हो जाता है, ऐसे में सुन्दरकाण्ड का पाठ निश्चित ही फलदायी होता है।
(९) रोग एवं कर्ज़ से मुक्ति हेतु यह पाठ अत्यंत लाभदायक होता है।
(१०) सुन्दरकाण्ड का पाठ sundarkand ka path पूर्ण श्रद्धा के साथ नियमित रूप से किया जाना आवश्यक है। आरम्भ करना कठिन अवश्य है किन्तु इसके पश्चात् व्यक्ति का जीवन सरलता की ओर अग्रसर होता जाता है।

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