472 लड़कियों के पिता उठाएंगे उरी अटैक में शहीदों के बच्चों के पढाई का जिम्मा

472 लड़कियों के पिता उठाएंगे उरी अटैक में शहीदों के बच्चों के पढाई का जिम्मा
सूरत - संवेदनाएं व्यक्त करने से केवल मुश्किलें हल नहीं होती है उड़ी हमले के बाद संवेदनाओं का ताँता तो लगा लेकिन उन शहीद परिवार के साथ वाकई कोई सरकार के अलावा व्यक्ति सामने नहीं आया लेकिन एक व्यक्ति ने घड़ियाली आंसू बहाने वालों को सोचने पर मजबूर कर दिया ।उड़ी हमले में शहीद जवानों के बच्‍चों की शिक्षा का खर्च उठाने का जिम्‍मा गुजरात के बिजनेसमैन महेश सावनी ने लिया है।इसके पहले भी महेश सावनी 472 लड़कियों का विवाह करा चुके हैं । सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ सूरत के बिजनेसमैन महेश सावनी ने उड़ी हमले के सभी 18 शहीदों के बच्चों को शिक्षा दिलाने का जिम्मा उठाया है। सावनी ने कहा कि टेलीविजन पर शहीद की बेटी को रोता हुआ देख वे द्रवित हो गए। सावनी ने कहा,’मैंने टेलीविजन पर शहीद जवान की बेटी को रोते हुए देखा जो कह रही थी कि उसके पिता ने पूरे मेहनत से पढ़ाई कर सफल होने को कहा है। उसी पल मैंने निर्णय लिया कि उड़ी हमले में शहीद जवानों के बच्चों को शिक्षा दिलाने का जिम्मा मैं उठाउंगा।‘ दिल्ली के गैर सरकारी प्रशिक्षण संस्थान, डीएवी सोसायटी ने भी शहीद जवानों में से एक के परिवार की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। शहीद एसके विद्यार्थी की तीन बेटियों को मुफ्त शिक्षा और उनके स्कूल का खर्च उठाएंगे। गया जोन के डीएवी के डायरेक्टर यूएस प्रसाद ने कहा, ‘हमने तीनों बच्चियों के 12वीं तक की शिक्षा मुफ्त उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।‘ सिपाही विद्यार्थी की तीन बेटियां- आरती, अंशु और अंशिका गया के रोटरी कैंपस मेडिकल यूनिट के डीएवी पब्लिक स्कूल में आठवीं, छठी और दूसरी कक्षा में पढ़ती हैं। उड़ी हमले में पिता की मौत की खबर सुनने के एक दिन बाद मंगलवार को तीनों बहनें परीक्षा के लिए स्कूल आयी थीं। उन्होंने कहा कि पिता को दिया हुआ वादा पूरा करने के लिए परीक्षा दिया। स्कूल प्रिंसिपल ए के जाना ने कहा कि वे और स्कूल अधिकारी इन तीनों की 12वीं के बाद पढ़ाई जारी रखने का प्रयास करेंगे। इस देश में अरबों की जनसँख्या है और इन अरबों में से कई लाख ऐसी स्थिति में है कि वे हजारों को पाल सकते हैं लेकिन आदमी की सोच और संकल्प हो तो कुछ भी असंभव नहीं यह कर दिखाया महेश सावनी ने । Source web

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