इस बार कई अच्छे महासंयोग बन रहें हैं शारदीय नवरात्र 2016 पर

इस बार कई अच्छे महासंयोग बन रहें हैं शारदीय नवरात्र 2016 पर
शारदीय नवरात्री 2016 विशेष ---

हमारी भारतीय सनातन संस्कृति में शारदीय नवरात्र विशेष महत्व रखती है।जिसके कई पौराणीक प्रमाण हमारे धर्म ग्रंथों में बताए गये हैं।नौ दिनो तक चलने वाले नवरात्र के महोत्सव में मां भगवती के नौ रुपों की पूजा-आराधना बड़े ही विधि विधान से की जाती है।
इस वर्ष शारदीय नवरात्रे 2016 में अक्टूबर (शनिवार ) से 10 अक्टूबर (सोमवार ) तक मनाये जायेंगे | विजयदशमी (दशहरा) 11 अक्टूबर (मंगलवार ) को पड़ेगी | आश्विन मास में आने वाली यह नवरात्रि महा नवरात्रि के नाम से भी जानी जाती है |
वर्ष 2000 के बाद फिर नवरात्र में विशेष संयोग बन रहा है। दूज तिथि लगातार दो दिन होने के कारण शारदीय नवरात्र नौ की जगह 10 दिन का होगा। श्राद्ध पक्ष समाप्त होते ही, शारदीय नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। 1 अक्टूबर 2016 से नवरात्र आरंभ होंगे। इस बार दुर्गा जी अश्व पर आएंगी और भैंसा पर बैठकर जाएंगी।शारदीय नवरात्र अश्विन मास के शुक्ल पक्ष से आरंभ होंगे। इस बार गजकेशरी योग में शारदीय नवरात्र होंगी। ऐसा इसीलिए कि गुरु व चन्द्रमा एक साथ कन्या राशि में लग्न स्थान में होने से गजकेशरी महासंयोग बन रहा है। शारदीय नवरात्र में शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। 1 अक्टूबर से शुरू होकर शारदीय नवरात्र उत्सव 10 अक्टूबर तक रहेगा। विशेष यह है कि इस बार मां दुर्गा का आगमन अश्व से होगा व गमन भैंसा पर होगा, जो अति शुभ है।
शारदीय नवरात्र अश्विन मास के शुक्ल पक्ष से आरंभ होंगे। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार इस बार गजकेशरी योग में शारदीय नवरात्र होंगी। ऐसा इसीलिए कि गुरु व चन्द्रमा एक साथ कन्या राशि में लग्न स्थान में होने से गजकेशरी महासंयोग बन रहा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार, एक अक्तूबर को ही घट स्थापना होगी। सुबह छह बजकर 18 मिनट से लेकर सात बजकर 28 मिनट तक घट स्थापना होगी। अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 47 मिनट से लेकर 12 बजकर 35 मिनट तक भी घट स्थापना की जा सकती है। शास्त्रों में दस दिन के नवरात्र शक्ति उपासना के लिए अत्यंत ही शुभ माने गए हैं। इस बार नवरात्रि में राजयोग, द्वि पुष्कर योग, सिद्धियोग, सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धियोग और अमृत योग के संयोग बन रहे हैं। इस बार गजकेशरी योग में शारदीय नवरात्र होंगी। ऐसा इसीलिए कि गुरु व चन्द्रमा एक साथ कन्या राशि में लग्न स्थान में होने से गजकेशरी महासंयोग बन रहा है।
शारदीय नवरात्र में शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। 1 अक्टूबर से शुरू होकर शारदीय नवरात्र उत्सव 10 अक्टूबर तक रहेगा।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार नवरात्र में राजयोग, द्विपुष्कर योग, सिद्धियोग, सर्वार्थसिद्धि योग, सिद्धियोग अमृत योग का संयोग बन रहा है। इन विशेष योगों में की गई खरीदारी अत्यधिक शुभ और फलदायी रहती है।
प्रतिपदाके दिन हस्त नक्षत्र और ब्रह्म योग :--- नवरात्र पूजन कलश स्थापना आश्विन शुक्ल प्रतिपदा के दिन सूर्योदय के बाद 10 घड़ी तक अथवा अभिजित मुहूर्त में करना चाहिए। प्रतिपदा के दिन चित्रा नक्षत्र तथा वैधृति योग हो तो वह दिन दूषित होता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार नवरात्र पूजन द्विस्वभाव लग्न में करना श्रेष्ठ रहता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार मिथुन, कन्या, धनु राशि द्विस्वभाव राशि हैं। ज्योतिष शास्त्र और हिन्दू पंचाग के अनुसार इस बार की नवरात्रि अति शुभ है क्यों कि ये दस दिन की है।समस्त देशवासीयों के लिए शारदीय नवरात्र इस बार सुख,स्वास्थ,सम्पन्नता,शांति और समृद्धि लेकर आएगा। ऐसे में भक्ति और भाव के साथ जगत जननी मां जगदम्बा की करें आराधना और साधना।माता बड़ी दयालू है,वो अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करती है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार हमें इसी लग्न में पूजा शुरू करनी चाहिए। सूर्योदय के बाद अभिजीत मुहूर्त में घट (कलश) स्थापना करना चाहिए। श्रद्धालु मां भगवती के सभी 9 रूपों का हर दिन पूजन करेंगे। भक्तों के लिए इस बार नवरात्र बेहद खुशहाली और संपन्नता लाने के संकेत दे रहे हैं।
धनुलग्न में घट स्थापना श्रेष्ठ :--- अभिजितमुहूर्त धनु लग्न में पड़ रहा है। ऐसे में धनु लग्न में कलश स्थापना श्रेष्ठ होगा। प्रतिपदा वृद्धि होने से देश में खुशहाली के संकेत हैं। अष्टमी पूजन 9 अक्टूबर को होगा। नवमी पूजन 10 और दशहरा 11 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
इस वर्ष शारदीय नवरात्री के 10 दिन विशेष, 11 अक्टूबर 2016 को मनेगा दशहरा ||==========================================================जानिए लग्न के अनुसार कलश स्थापना मुहूर्त ---
- सिंह और कुंभ में लग्न में कलशस्थापना का मुहूर्त विशेष स्थान रखता है।
- सिंह लग्न में प्रात: 5 बजे से 7:24 बजे तक।
- धनु में सुबह 11:57 बजे से दोपहर 2:03 बजे तक।
- कुंभ लग्न में दोपहर 3:50 बजे से शाम 5:20 बजे तक।
- मेष लग्न में शाम 6:48 बजे से रात 8:26 बजे तक।
===========================================================1 अक्टूबर- घटस्थापना, गजकेशरी योग।2 अक्टूबर- द्वितीया, द्विपुष्करयोग3 अक्टूबर- द्वितीया,रवियोग4 अक्टूबर- तृतीया,रवियोग5 अक्टूबर- चतुर्थी,रवियोग, अमृतसिद्धियोग6 अक्टूबर- पंचमी षष्ठी, सर्वार्थ सिद्धियोग,रवियोग7 अक्टूबर- षष्ठी रवियोग8 अक्टूबर - पर्जन्य सप्तमी,सरस्वती पूजन9 अक्टूबर- महाष्टमी रवियोग सर्वार्थ सिद्धियोग10 अक्टूबर - महानवमी, रवियोग
पंडित दयानंद शास्त्री

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