कटारा हत्याकांड में 25 साल कि सजा माँ नीलम कटारा ने संतोष जताया

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prabhu@321@20162 Oct 2016 6:30 PM GMT
नई दिल्ली-झूठी शान की खातिर हत्या कर देने के मामले में उच्चतम न्यायालय ने नीतीश कटारा हत्याकांड मामले में विकास यादव, उसके चचेरे भाई विशाल को 25-25 साल की सजा सुनाई है। जबकि उनके सहयोगी सुखदेव पहलवान को 20 साल की सजा सुनाई है।
- कटारा की वर्ष 2002 में हत्या कर दी गई थी और इन तीनों को सनसनीखेज मामले में दोषी ठहराया गया था।
- न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की पीठ विकास और विशाल द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर की गईं अपीलों पर फैसला सुनाई।
- दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी उम्रकैद की सजा किसी छूट के बिना 25 साल तक के लिए बढ़ा दी थी और सबूत नष्ट करने के लिए पांच साल की अतिरिक्त सजा दी थी। उच्च न्यायालय ने कटारा की हत्या को ‘झूठी शान के लिए’ हत्या करार दिया था।
- कटारा के अपहरण और हत्या के मामले में निचली अदालत ने मई 2008 में विकास (39) और विशाल (37) को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बिजनेस एक्जीक्यूटिव कटारा एक रेलवे अधिकारी का पुत्र था। वर्ष 2002 में 16-17 फरवरी की रात उसकी हत्या कर दी गई थी। विकास और विशाल उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता डीपी यादव की पुत्री भारती से कटारा के प्रेम संबंधों के खिलाफ थे। उच्च न्यायालय ने दो अप्रैल 2014 को निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। अदालत ने कहा था कि विकास, विशाल और सुखदेव ने कटारा की इसलिए हत्या कर दी क्योंकि भारती और कटारा अलग-अलग जातियों से थे और इस वजह से दोषी उनके प्रेम संबंध के खिलाफ थे |
उधर नितीश कटारा की माँ नीलम कटारा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संतोष व्यक्त किया है और कहा कि झूठी शान के लिए की गई हत्या कोई मामूली अपराध नहीं है इसमें सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए |
- कटारा की वर्ष 2002 में हत्या कर दी गई थी और इन तीनों को सनसनीखेज मामले में दोषी ठहराया गया था।
- न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की पीठ विकास और विशाल द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर की गईं अपीलों पर फैसला सुनाई।
- दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी उम्रकैद की सजा किसी छूट के बिना 25 साल तक के लिए बढ़ा दी थी और सबूत नष्ट करने के लिए पांच साल की अतिरिक्त सजा दी थी। उच्च न्यायालय ने कटारा की हत्या को ‘झूठी शान के लिए’ हत्या करार दिया था।
- कटारा के अपहरण और हत्या के मामले में निचली अदालत ने मई 2008 में विकास (39) और विशाल (37) को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बिजनेस एक्जीक्यूटिव कटारा एक रेलवे अधिकारी का पुत्र था। वर्ष 2002 में 16-17 फरवरी की रात उसकी हत्या कर दी गई थी। विकास और विशाल उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता डीपी यादव की पुत्री भारती से कटारा के प्रेम संबंधों के खिलाफ थे। उच्च न्यायालय ने दो अप्रैल 2014 को निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। अदालत ने कहा था कि विकास, विशाल और सुखदेव ने कटारा की इसलिए हत्या कर दी क्योंकि भारती और कटारा अलग-अलग जातियों से थे और इस वजह से दोषी उनके प्रेम संबंध के खिलाफ थे |
उधर नितीश कटारा की माँ नीलम कटारा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संतोष व्यक्त किया है और कहा कि झूठी शान के लिए की गई हत्या कोई मामूली अपराध नहीं है इसमें सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए |
Happy with SC's decision, qualitatively. Honour crime will get stringent punishment, its not ordinary crime: Neelam Katara, Mother of Nitish pic.twitter.com/fbzeKyZ1gj
— ANI (@ANI_news) October 3, 2016
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