अखिलेश सरकार को इस तरह बदनाम कर रहे मंत्री

अखिलेश सरकार को इस तरह बदनाम कर रहे मंत्री

गोंडा
- सूबे में सपा सरकार के मंत्री सीएम अखिलेश यादव को ऐसा बदनाम कर रहे हैं जिससे न सिर्फ सरकार की बल्कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कि छवि भी धूमिल हो रही है | कृषि मंत्री पंडित सिंह ने गत एक अक्तूबर को जिला मुख्यालय की स्टेशन रोड पर स्थिति जयनारायण चौराहे का नाम बदलकर अग्रसेन चौराहा किये जाने की घोषणा कर दि है जिसका चौतरफा विरोध शुरू हो गया है | दर्जनों संगठनों ने चौराहे का नाम बदलने को लेकर ज्ञापन धरना प्रदर्शन मशाल जुलूस मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने तक की तैयारी कर ली है |
शहर के प्रबुद्ध जनों का कहना है कि करीब चार दशक से प्रचलित जयनारायण चौराहा का नाम जनपद वासियों के जेहन में बस गया है | प्रतिष्ठित डाकटर जयनारायण कायस्थ विरादरी के हैं | उनके नाम से चौराहा होने की वजह से मुख्यालय ही नहीं जिले भर के कायस्थ इसे अपना सम्मान समझते रहे हैं |मंत्री के चौराहे का नाम बदलने से न सिर्फ कायस्थ बिरादरी बल्कि पूरे शहर में इसकी तीखी प्रतिक्रिया हो रही है और विरोध प्रदर्शन का दौर तेजी पकड़ने लगा है |
मंत्री पंडित सिंह का कायस्थ विरोध जगजाहिर है बीते नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव में कायस्थ प्रत्याशी निर्मल श्रीवास्तव का मंत्री ने हर स्तर पर विरोध किया लेकिन शहर के पंद्रह हजार से अधिक कायस्थ मतदाताओं के अलावा सभी वर्गों का भरपूर समर्थन मिलने के वजह से निर्मल चुनाव जीत गए और मंत्री को मुह की खानी पड़ी | मंत्री ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए चेयरमैन के अधिकार आज भी सीज करा रखे हैं इतना ही नहीं करीब दस साल पहले हुए नगरपालिका चुनाव में मंत्री पंडित सिंह ने अपने प्रत्याशी की हार सुनिश्चित होने पर सायलेंट बूथ कैप्चरिंग की शिकायत का हथकंडा अपना कर न सिर्फ प्रशासन से मनमाफिक जांच रिपोर्ट लगवा दी थी जिसके कारण बैलेट बाक्स ही नहीं खुल सके और पूरे पांच साल प्रशासक की देखरेख में नगर पालिका चलायी गई |
एक तरफ जहाँ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की बात करते हैं वहीँ उनके मंत्री निहित स्वार्थों के तहत जाति बिरादरी के लोगों को अपनी करतूतों से इतना आहत करते हैं कि उनका मंत्री समेत सरकार तक से भरोसा उठ जाता है और वह खुलेआम कहने को मजबूर हो जाते हैं कि सपा सरकार गुंडों कि सरकार है यहाँ मंत्री हो या विधायक सब मनमानी करते हैं | अखिलेश सरकार कि बदनामी से किसी का कोई लेना देना नहीं है |
जयनारायण चौराहे का नाम बदलना सत्ता के चाटुकार अधिकारियों को महगा पड़ रहा है एक तरफ जहाँ जिले के सदर विधानसभा के 30 हजार कायस्थ मतदाताओं में आक्रोश है वही जिले का प्रबुद्ध वर्ग भी इस तरह से राजनीति कर प्रतिष्ठित चिकित्सक के नाम पर घटिया राजनीति के तहत बदले गए चौराहे के नाम को लेकर जनविरोध बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है |
सांसद कैसरगंज प्रतिनिधि संजीव सिंह ने भी जयनारायण चौराहे का नाम बदले जाने का विरोध किया है साथ ही उन्होंने सत्ता की चाटुकारिता करने वाले अधिकारियों के बारे कहा की वे तो सपा की कब्र खोद रहे हैं |
एक को अपमानित करके दुसरे का सम्मान करना ये समाजवादी ही कर सकते है। डॉ जय नारायण श्रीवास्तव ने पिछले 40 सालों मे समाज की जो सेवा की उसका कर्ज कोई नही उतार सकता। हज़ारो को नयी जिंदगी दी लेकिन कुछ लोगो ने आज उन्हें भी अपमानित कर डाला। अगर महाराजा अग्रसेन के नाम से चौराहे का नामकरण करना था तो महिला अस्पताल चौराहे से बेहतर दूसरी जगह औऱ कोई नही हो सकती। लेकिन विनाश काले विपरीत बुद्धि काम करती है। अधिकारियो का दोष नही वो तो समाजवादियों की कब्र तैयार कर रहे है।

वोटो की राजनीति के तहत किये गए इस नामकरण को लेकर भी सपा सरकार को आने वाले विधानसभा के चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़ सकता है क्योंकि संख्या बल में जहाँ कायस्थ लगभग 30 हजार हैं वहीँ जिन्हें खुश करने के लिए यह राजनीतिक पैतरा चला गया है उनकी संख्या पांच हजार से भी कम है |

उत्तर प्रदेश उत्तराखंड मेडिकल एंड सेल्स एंड रेप्रेजेनटेटीव के प्रदेश सचिव कौशलेन्द्र पाण्डेय ने भी जिले के प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ जयनारायण श्रीवास्तव के नाम पर चौराहे का नाम बदलने का पुरजोर विरोध किया है उन्होंने कहा कि बड़गाँव चौराहे का नाम भी कर सकते थे लेकिन शहर के प्रतिष्ठित डा. जयनरायन के नाम से मशहूर चौराहे का नाम बदलना किसी भी तरह से उचित नहीं है, शहर के सभी प्रबुद्ध वर्ग को इसका विरोध माननीय मंत्री जी को दर्ज कराना चाहिए | डॉ जयनारायण चिकित्सा के क्षेत्र में गोंडा का नाम रोशन कर रहे हैं | महाराजा अग्रसेन के नाम पर कोई और भी काम किया जा सकता था जिससे उनको सम्मान दिया जाए उनके प्रति भी सभी का सम्मान है और आदर है लेकिन जिस तरह से नामकरण की राजनीति कि जा रही है वह गलत है | सभी का आदर और सम्मान है |
श्री चित्रगुप्त सभा गोंडा के नगर अध्यक्ष अश्वनी श्रीवास्तव ने भी कहा कि सभा द्वारा एडीएम को ज्ञापन दिया जाएगा और चौराहे का नाम जयनारायण चौराहा ही रखा जाएगा क्योंकि यह मामला जनभावनाओं से जुड़ा हुआ है |



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