फिर से गायत्री प्रजापति को मंत्री बनाये जाने पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित किया

फिर से गायत्री प्रजापति को मंत्री बनाये जाने पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित किया
प्रजापति पुनर्नियुक्ति याचिका: फैसला सुरक्षित
लखनऊ- मंत्री गायत्री प्रजापति के भविष्य का फैसला हाईकोर्ट के आदेश पर निर्भर करेगा इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर द्वारा गायत्री प्रजापति को दुबारा मंत्री नहीं बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका में आज अपना
फैसला सुरक्षित कर लिया.
चीफ जस्टिस दिलीप बाबासाहेब भोसले और जस्टिस राजन रॉय की बेंच ने यह आदेश याची के अधिवक्ता अशोक पाण्डेय और राज्य सरकार के महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह को सुनने के बाद दिया.
याचिका में कहा गया है कि श्री प्रजापति को इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई जाँच के आदेश और सीबीआई रिपोर्ट के बाद भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपो के कारणमंत्री पद से हटाया गया | .नूतन के अनुसार जब एक मंत्री को संविधान के अनुच्छेद 164 में हटाया जाता है तो इसका सीधा अर्थ होता है कि उन्होंने मुख्यमंत्री और राज्यपाल का विश्वास खो दिया है. ऐसे में उस व्यक्ति को तब तक मंत्री नहीं बनाया जा सकता जब तक विश्वास खोने का कारण समाप्त नहीं हो जाता है, जैसा इस मामले में दिखता है.

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