व्यापार करने जा रहें हैं तो इन पर भी जरूर करें विचार

व्यापार करने जा रहें हैं तो इन पर भी जरूर करें विचार
डेस्क -जब आप नया व्यापर/बिजनेस/ दुकान आरम्भ करने का या खोलने का विचार मन में लाएं उस समय सबसे पहले मुहुर्त पर अच्छी तरह विचार करलें । मुहुर्त जब शुभ हो तभी आप दुकान खोलने की सोचें अन्यथा शुभ मुहुर्त के आने की प्रतीक्षा करें। आइये अब देखें कि दुकान खोलने के लिए कौन सा मुहुर्त शुभ है और इस संदर्भ में मुहुर्त किस प्रकार देखना चाहिए। 1.नक्षत्र विचार --- नया व्यापर/बिजनेस/ दुकान आरम्भ करने का या खोलने के लिए जब मुहुर्त का आंकलन किया जाता है तब सबसे पहले नक्षत्र का विचार किया जाता है। दुकान खोलने के लिए सभी स्थिर नक्षत्र (Stable Nakshatra) जैसे उत्तराफाल्गुनी (Uttrafalguni) , उत्तराषाढ़ा (Uttrashadha), उत्तराभाद्रपद(Uttra Bhadrapad), रोहिणी (Rohini) तथा सभी सौम्य नक्षत्र (Saumya Nakshatra) जैसे मृगशिरा(Mrigshira), रेवती(Raivti), चित्रा(Chitra), अनुराधा(Anuradha) व लघु नक्षत्र (Laghu Nakshatra) जैसे हस्त(Hast), अश्विनी (Ashwani), पुष्य (Pushya) और अभिजीत नक्षत्रों (Abhijeet Nakshatra ) को दुकान खोलने के लिए शुभ माना जाता है। 2.लग्न विचार--- नया व्यापर/बिजनेस/ दुकान आरम्भ करने का या खोलने के लिए नक्षत्र विचार करने के बाद आप लग्न से विचार करें। ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार जिस समय आप दुकान खोलने जा रहे हैं उस समय मुहुर्त का लग्न बलवान होना चाहिए। लग्न में चन्द्र-शुक्र हो तो यह सर्वोत्तम स्थिति मानी जाती है। लग्न की शुभता का विचार करने के लिए देखें कि लग्न से द्वितीय, दशम एवं एकादश भाव में शुभ ग्रह हो तथा अष्टम व द्वादश भाव में कोई अशुभ ग्रह ना हों। 3.तिथि विचार--- दुकान खालने के लिए जब आप मुहुर्त निकालें उस समय उपरोक्त सभी विषयों पर विचार करने के साथ ही तिथि का भी विचार करना चाहिए। ज्योतिष सिद्धान्त के अनुसार दुकान खोलने के लिए सभी तिथि शुभ हैं परंतु रिक्ता तिथि यानी (चतुर्थ, नवम व चतुर्दशी) अपवाद स्वरूप हैं अत: इन तिथियो में दुकान नहीं खोलना चाहिए. 4.वार विचार--- नया व्यापर/बिजनेस/ दुकान आरम्भ करने का या जब आप दुकान खोलने जा रहे हैं तो ध्यान रखें कि मंगलवार को दुकान नहीं खोलें। मंगल के अलावा आप किसी भी दिन दुकान खोल सकते हैं। 5.निषेध--- जिस दिन गोचरवश चन्द्रमा जन्म के समय जिस राशि में था उस राशि से चतुर्थ, अष्टम अथवा द्वादश भाव में उपस्थित हो तथा तृतीय भाव, पंचम भाव एवं सप्तम भाव में तारा हो एवं भद्रा या अन्य अशुभ योग हो तो दुकान नहीं खोलना चाहिए

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