इस तरह से बनी थी साईं बाबा की मूर्ति

इस तरह से बनी थी साईं बाबा की मूर्ति
डेस्क -साईं बाबाअक्सर सभी मंदिरों में साईं की एक छवि वाली संगमरमर की मूर्ति नजर आती है। कहते हैं साईं के इस आसन वाली मूर्ति का निर्माण सबसे पहले शिरडी में हुआ था, जहां साईं की समाधि है।लेकिन इस मूर्ति को बनाने के लिए जो कुछ भी हुआ वह भी अपने आप में एक अद्भुत कहानी है । इससे पहले साल 1954 तक इसी तरह साईं बाब की पूजा होती थी। लेकिन एक दिन मुंबई के बंदरगाह पर इटली से मार्बल आया लेकिन उसे किसने भेजा और क्यों भेजा इस बात का आज तक पता नही चला। इटली से आई इस मार्बल को साईं संस्थान ने बाबा की मूर्ति बनाने के लिए ले लिए। साईं बाबा की प्रतिमा बनाने की जिम्मेदारी का काम वसंत तालीम नाम के मूर्तिकार को सौंपा गया। लेकिन मूर्तिकार ने जब बाबा मूर्ति बनाने बैठा तो उसने साईं बाबा से प्रार्थना की आप जैसे दिखतें थे मै उसी तरह से आपकी प्रतिमा बना सकू। कहते हैं कि इसके बाद साईं बाबा ने खुद उसे दर्शन दिया और उसके बाद बाबा की यह मनमोहक मूर्ति बनी। मूर्ति को लेकर कई ऐसे रहस्य है जिन्हें कोई नहीं जानता, जैसी मान्यता वैसी बातें लेकिन उनकी शिरडी वाली मूर्ति के पीछे एक हैरान कर देनी वाली कहानी है। साईं बाबा कोई मिथकीय शख्सियत नहीं थे। वो सशरीर इस धरती पर आए थे। आम लोगों के बीच रहे और इंसानियत का पाठ पढ़ाकर जैसे इस धरती पर आए थे, वैसे ही चले गए। लेकिन उनकी दी गई शिक्षा और उनका जीवन आज भी उनके भक्तों को राह दिखा रहा है। आज अपने देश में ही नहीं, दुनिया के कोने-कोने में साईं मंदिर हैं, जिनमें की जाती है साईं बाबा की पूजा। भक्त शिरडी के संत साईं बाबा को गुरु का दर्जा देते हैं, इसीलिए गुरुवार को साईं मंदिरों में उनकी बड़ी श्रद्धा से पूजा होती है। कहा जाता है की साईं अपने भक्तों के दुख में खुद ही चले आतें हैं और उनकी सारी तकलीफों को दूर कर देते हैं। लेकिन आप जानतें हैं की शिर्डी के साईं मंदिर में जो साईं बाबा की प्रतिमा है । साईं बाबा की महासामधि के बुट्टी वाडा में उनकी तस्वीर रखकर उनकी पूजा होती थी। साईं बाबा के भक्तों के लिए उनकी महिमा का बखान अनंत है और आस्था ऐसी की देश विदेश से लोग खींचे चले आते हैं । इस मूर्ति के दर्शन के लिए आज भी करोड़ो की संख्या में भक्त शिर्डी दर्शन करने आतें हैं। और बाबा की मूर्ति मानो ऐसा प्रतीत होता है की वो स्वयं हमें देख रहे हैं।

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