जानिए आपकी किस उंगली का है आपके दिल से सीधा सम्बन्ध

जानिए आपकी किस उंगली का है आपके दिल से सीधा सम्बन्ध
डेस्क- शादी के पहले इंगेजमेंट की जो रश्म होती है उसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी है उसमे सबसे जरुरी पहलु होता है अंगूठी पहनाया जाना | शादी की अँगूठी आपने किसी ना किसी शादीशुदा जोड़े के बाएं हाथ की चौथी उंगली में शादी की अंगूठी देखी होगी पर क्या आपने सोचा है कि ये अंगूठी इसी उंगली में क्यों पहनी जाती है? आपने किसी ना किसी शादीशुदा जोड़े के बाएं हाथ की चौथी उंगली में शादी की अंगूठी देखी होगी पर क्या आपने सोचा है कि ये अंगूठी इसी उंगली में क्यों पहनी जाती है? अगर ये रिवाज़ है तो ऐसा रिवाज़ क्यों बनाया गया है? हालांकि हम इसे विवाह के चिह्न के रूप में देखते हैं। परंतु इस परंपरा को शुरू करने के पीछे एक कारण भी छुपा होगा। नीचे इस कारण के पीछे छुपी कहानी को बताया गया है। शादी वाले दिन एक दूसरे की उंगली में अँगूठी पहना कर हम एक दूसरे के प्रति वफादार व प्रतिबद्ध रहने की प्रतिज्ञा लेते हैं।
यह परंपरा 3000 ई.पू. में पहली बार एक कप्ल द्वारा शादी के समारोह में प्रारंभ की गई थी और तब से यह परंपरा चली आ रही है। पहले यह अंगूठी दूल्हा पिता को देता है इस तरह यह अंगूठी 'दुल्हन की खरीद' के रूप में इंगित होती है। माना जाता है कि यह कहानी प्राचीन रोमन व ग्रीक जामाने की है। उस दौर में यह माना जाता था कि बाएं हाथ की चौथी उंगली की नस सीधे दिल से जुड़ती है। इस धारणा के कारण इस नस को "विना अमोरस" या प्यार की नस कहा जाता था। पश्चिमि देश के लोगों को इस परंपरा में अधिक विश्वास था। इस वजह से वे अपने बाएँ हाथ की चौथी उंगली में अंगूठी पहने लगे। शादी की अंगूठी पहन कर व्यक्ति अपनी पत्नी व परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा करने की क्षमता को व्यक्त करता है। साथ में वह जिंदगी भर अपनी पत्नी की रक्षा करने का वादा करता है। यह भी पढें- इंगेजमेंट होने के बाद कभी न खोले ये 10 राज़ यह भी माना जाता है कि शादी की अंगूठी पहनना एक दूसरे के लिए प्यार जाहिर करने का एक तरीका है। इस तरह एक शादीशुदा जोड़ा एक दूसरे के लिए अपने शाश्वत प्रेम को घोषित करता है। इस तरह आप जान सकते हैं कि जो भी परम्पराएँ रखी गयीं है उसके पीछे कुछ न कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं |

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