मै वीरान हूं क्योकि मै अयोध्या हूं

मै वीरान हूं क्योकि मै अयोध्या हूं
अयोध्या -मै वीरान हूं क्योकि मै अयोध्या हूं। यहां कई शोर सुनायी दिया है। कभी जयकारों का शोर कभी गोलियांे का शोर। अयोध्या ने बड़े बड़े दावें भी सुने है। नहीं देखी है तो केवल बुनियादी सुविधायें। पर्यटन से होने वाली कमाई के अभाव में 173 मंदिर कब जर्जर हो गये पता ही नहीं चला। अब यहां रहना जानलेवा है। कुछ महीने पहले सावन मेले में ऐसे ही एक मंदिर की छत गिरने दो श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।

-बुनियादी सुविधाओं का अब तक इतना अभाव रहा है कि श्रद्धालु जान जोखिम में डालकर सड़क पर सोने को अब तक मजबूर थे। सावन मेले में इस साल 9 अगस्त को ऐसे ही सड़क पर सो रहे श्रद्धालुओं पर ट्रक चढ़ गयी थी। जिसके नीचे आकर सात श्रद्धालुओं की मौत हो गयी। सात घायल हो गये। इसी मेले में लक्ष्मण घाट स्थित यादव मंदिर की छत भी गिर गयी। इसमें नीचे आकर दो श्रद्धालु की मौत हो गयी। कई घायल हो गये। नगर पालिका की सूची के अनुसार ऐसे 173 मंदिर है जिनमें रहना जानलेवा है। इन जर्जर मंदिरों को गिराने की नोटिस दी जा चुकी है। हालांकि इन घटनाओं के बाद इस बार प्रशासन अपनी निद्रा से जागा। श्रद्धालुओं के जर्जर मंदिरों पर न रुकने देने तथा सड़क पर न सोने देने के सख्त देने के निदेश अधिकारियों के द्वारा पुलिस को दिये गये है। इन जर्जर मंदिरों में अगर कोई हादसा होता है तो इसका पूरी जिम्मेदारी उसके भवन स्वामी की होगी।

कार्तिक मेले का आगमन सर पर है। इसे मेले में लाखों श्रद्धालुओं की आमद होगी। आस्था पर इस बार भी असुविधाएं हावी रहेंगी। अभी तक मेले में श्रद्धालुओं को रहने तथा शौच की भी दिक्कतें रही है। प्रशासन इस बार इस चुनौती को कैसे स्वीकार करता है यह देखने योग्य होअभिषेक गुप्ता

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