यह है वो व्यक्ति जिसने दिया मोदी को काले धन पर रोक लगाने का मूल मन्त्र !

यह है वो व्यक्ति जिसने दिया मोदी को काले धन पर रोक लगाने का मूल मन्त्र !
नई दिल्ली - बेहद साधारण सा दिखने वाला यह सख्स जिसने देश के अर्थव्यवस्था की पूरी कहानी ही बदल दी | आज जो 500 और 1000 के नोटों के चलन पर रोक लगी यह कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं था इसकी इबारत 2014 में ही लिखी जा चुकी थी जब एक व्यक्ति मात्र 9 मिनट के लिए नरेंद्र मोदी से मिला और दो घंटे तक उन्हें अपनी बात सुनाता रहा | हम बात कर रहे हैं ऐसे सख्स की जिसने हिन्दुस्तान में काले धन को रोकने के लिए पूरी व्यूह रचना की और मोदी की हरी झंडी से यह साकार हुआ | बेहद साधारण से दिखने वाले अनिल औरंगाबाद के मेकैनिकल इंजीनियर हैं। वे पुणे की 'अर्थक्रांति संस्थान' के अहम सदस्य हैं, जिसके प्रपोजल पर प्रधानमंत्री ने नोटों को बदलने का फैसला लिया।सूत्र बताते हैं कि अनिल का इस कदम में बहुत बड़ा सहयोग था |
अनिल बेहद साधारण तरीके से रहते हैं। वे औरंगाबाद में कई सफल प्रोजेक्ट कर चुके हैं। सोशियो-इकोनॉमिक डेवलपमेंट पर कई सेमिनारों को संबोधित कर चुके हैं। 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले अनिल पीएम से मिले थे। उन्हें मुलाकात के लिए सिर्फ 9 मिनट का समय मिला था। लेकिन जब करप्शन रोकने और नकली मुद्रा के चलने से बचने के लिए अपना प्रपोजल सुनाने लगे तब दो घंटे तक नरेंद्र मोदी उसे सुनते रहे।

अर्थक्रांति संस्थान एक इकोनॉमिक एडवाइजरी बॉडी है। यह चार्टर्ड अकाउंटेंट और इंजीनियर्स का ग्रुप है। अर्थक्रांति ने जो प्रपोजल पीएम को सौंपा था ब्लैक मनी की रोकथाम, महंगाई, करप्शन, बेरोजगारी और आतंकियों की फंडिंग रोकने में कारगर बताया गया।
आज पूरा देश जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कदम की तारीफ़ कर रहा है तो नरेंद्र मोदी इस सख्स के शुक्रगुजार होंगे जिसने एक बड़ा कदम लेने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया | हालाकि अनिल बोकिल के प्रपोजल के बाद से बेहद ही गुपचुप तरीके से इस मुहीम पर मोदी और उनके विश्वास पात्र लगे रहे और काम को अंजाम दिया
सोर्स वेब

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