देश में इतना नमक है जितनी उसकी खपत ही नहीं

देश में इतना नमक है जितनी उसकी खपत ही नहीं
नई दिल्ली: नमक की कमी के अफवाह को लेकर देश के कुछ हिस्सों में जिस तरह से कालाबाजारियों द्वारा अफरा तफरी फैलाई जा रही है उससे परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है । अगर हम नमक के उत्पादन पर नजर डालें तो देश में इतना नमक है कि उसकी इतनी खपत ही नहीं है । नमक हममें से हर किसी के जीवन का अभिन्न हिस्सा है। भारतीय नमक उद्योग ने पिछले छह दशकों में तेजी से विकास किया है। आजादी के समय जहां हम नमक का आयात करते थे, वहीं आज 120 नमक उत्पादक देशों में से सालाना 2.4 करोड़ टन औसतन वार्षिक उत्पादन के साथ भारत तीसरे स्थान पर है। भारतीय नमक उद्योग घरेलू 1.8 करोड़ टन की आवश्यकता को पूरा करने के बाद 20 देशों को 50 लाख टन नमक का निर्यात करता है। देश में बनने वाले कुल नमक का 70 प्रतिशत समुद्री पानी और 28 प्रतिशत भूमिगत समुद्री पानी से और शेष 2 प्रतिशत झीलों के जल/नमक की चट्टानों से बनता है। भारत में सेंधा नमक का एकमात्र स्रोत हिमाचल प्रदेश में स्थिति मंडी है। देश के कुल नमक उत्पादन में गुजरात, तमिलनाडु और राजस्थान की 96 प्रतिशत भागीदारी है। गुजरात कुल उत्पादन में 75 प्रतिशत, तमिलनाडु 11 प्रतिशत और राजस्थान 10 प्रतिशत का योगदान करते हैं। अगर इसके बाद भी लोग अफवाह में आते हैं तो इसे सरासर बेवकूफी ही कहा जायेगी ।


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