कहाँ चले गए स्टेट बैंक के 2000 के नोट

गोंडा -कालेधन पर भारत सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद क्या हुए भ्रष्ट नेताओं की जैसे ही नींद उड़ गई ।नियम कानून तोड़ने में माहिर गोंडा के नेताओं ने बैंकों के धन पर जैसे कब्ज़ा ही कर लिया । 2000 के नए गुलाबी नोट जहाँ गोंडा के सभी बैंकों में दिए जा रहे थे वहीँ स्टेट बैंक के कोतवाली नगर के सामने शाखा से यह नोट किसी को दर्शन नहीं दे रहा था ,खबर यह है कि नोट नेताओं के कालेधन को सफ़ेद करने में खपा दिया गया यह संगीन आरोप फौजदारी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रवि प्रकाश पांडेय ने लगाया है ।श्री पांडेय का कहना है कि गोंडा में जनता के पैसे को कालाधन के रूप में दबाये सफेदपोशों के कारनामे किसी से छुपे नहीं है ।बैंकों के लिए प्रशासन द्वारा एक निर्देश जारी कराया गया कि खाते से केवल एक हजार रूपये ही दिए जाएंगे ।हालांकि अपने अधिकार सीमा से अलग जाकर किये गए इस आदेश को जिला प्रशासन ने बाद में वापस ले लिया था ।रवि पांडेय का कहना है कि वे खुद स्टेट बैंक गए थे और 2000 के नोट किसी को नहीं दिए जा रहे थे ।अगर 15 नवम्बर से नोट दिए गए हों तो इसकी जानकारी उन्हें नहीं है उसके पहले खाते से भी 1000 रूपये दिए जा रहे थे जिसके उन्होंने विरोध किया तब जाकर जनता को खाते से 10,000 रूपये मिलने लगे ।श्री पांडेय ने कहा कि बैंक की कार्यशैली पूरी तरह संदिग्ध है उन्होंने आरबीआई को जांच के लिए लिखा है किन खातों में बड़े लेनदेन किये गए और नोट की अगर उपलब्धता थी तो क्यों नहीं बांटे गए ।उन्हीने यह भी कहा कि यह कैसे संभव है कि जब सारे बैंकों में गोंडा में नोट उपलब्ध था तो मुख्य शाखा में ही नोट न हो। उपलब्ध होते ही बांटे गए 2000 के नोट बैंक मैनेजर से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास जैसे ही नोट मिले हैं उन्होंने बांटना शुरू कर दिया है । नोटबंदी के बाद जिस तरह से अचानक लोगों की जरुरत बढ़ी और बैंकों में भीड़ बढ़ी उससे कामकाज पर फर्क तो पड़ा ही जनता जहाँ परेशान हुई वहीँ बैंक कर्मचारियों पर भी काफी फर्क पड़ा लेकिन इस तरह के आरोप लगने और सच्चाई किसी जांच के बाद ही सामने आ सकती है।

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