जानिए मोदी की जान का सबसे बड़ा दुश्मन कौन ?

जानिए मोदी की जान का सबसे बड़ा दुश्मन कौन ?
नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक कदम से अपने को डान कहने वाले दाउद के नकली नोटों का कला कारोबार एक झटके में बैठ गया है | जिसको लेकर दाउद बौखलाया है उसका 400 करोड़ का नकली नोटों का काला कारोबार जो भारत के अर्थव्यवस्था में दीमक की तरह लग चुका था और जड़ें खोखली कर रहा था अब वह पूरी तरह से बंद हो चुका है |
खबर है कि ख़ुफ़िया एजेंसियों ने सतर्क किया है की काले कारोबार करने वाले पूरी तरह बौखलाए हुए हैं | बताया जाता है की दाउद का काला कारोबार का भारत में बड़ा नेटवर्क है दाउद ने जहाँ नकली नोट खपा रखा था वहीँ प्रापर्टी में भी उसका काला कारोबार काम कर रहा है | पीएम के इस फैसले से दाउद का हवाला का काला कारोबार भी पुरी तरह से ध्वस्त हो चुका है |

पाकिस्तान और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम अब भारत में नकली नोटों का कारोबार नहीं कर पाएंगे। NIA के एक पूर्व अधिकारी का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था में लगभग 400 करोड़ रुपये के नकली नोट है। इस बात का अनुमान एनआईए ने एक सर्वेक्षण के दौरान लगाया था। लेकिन अब ये नकली नोटों का कारोबार खत्म हो जाएगा।
एनआईए के एक पूर्व अधिकारी ने खुलासा करते हुए बताया कि भारत में सबसे ज्यादा नकली नोट पाकिस्तान की तरफ से भेजे जाते थे. जिनका इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए किया जाता था। यही नहीं अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भी हवाला और नकली नोटों के जरिये ही भारत की अर्थव्यवस्था पर आघात कर रहा था। लेकिन सरकार के इस फैसले से इस कारोबार पर भी लगाम लगेगी।
जानकारी के मुताबिक रियल स्टेट में काला धन ही लगता था। इस काम को पाकिस्तान में बैठा माफिया डॉन दाऊद अपने गुर्गों के जरिए अंजाम देता था। 500 और एक हजार के नोट बंद करने का फैसला इसी कारोबार के खिलाफ सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक माना जा रहा है।
वैसे तो पाकिस्तान की तरफ से नोटों पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने कई जांच एजेंसिया को काम पर लगा रखा था। लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था। पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI भारत के ख़िलाफ आर्थिक आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए मोस्टवांटेड डॉन दाऊद इब्राहिम का इस्तेमाल भी कर रही थी।सोर्स वेब नकली नोटों पर तैयार की गई एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक़ हर 10 लाख संचालित नोटों में 250 नकली नोट है। आमतौर पर इस समय 400 करोड़ रुपये के नकली नोट देश की अर्थव्यवस्था में बेखौफ चल रहे है। NIA के इस अध्यन में पता चला है कि 70 करोड़ रुपये के नकली नोट हर साल भारतीय अर्थव्यवस्था में संचालित हो रहे है।
एनआईए, आईबी, रॉ, राजस्व खुफिया और सीबीआई निदेशालय की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक सेना को भारत में जाली नोटों के चलन से लगभग 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का सालाना मुनाफा होता है। आईएसआई को पाकिस्तान में उत्पादित प्रत्येक नकली भारतीय नोट पर 30-40% का मुनाफा मिलता है।
बांग्लादेश बार्डर पर महज 18 हजार रुपये में एक लाख के नकली भारतीय नोट मिलते है पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के बांग्लादेश में बैठे एजेंट्स ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए नकली नोटों का यही रेट फिक्स कर रखा है।
सूत्रों के मुताबिक भारत-बांग्लादेश बार्डर के बाद बिहार में आते ही एक लाख के नकली नोट का रेट 40 हजार रुपये या उससे भी अधिक हो जाता है। दिल्ली और पंजाब की ओर पहुंचने पर एक लाख के नकली नोट की कीमत 50 से 70 रुपये तक हो जाती है।

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