कालेधन पर मोदी सरकार की चोट करने की बड़ी तैयारी स्विस बैंक से आएगा काला धन!

कालेधन पर मोदी सरकार की चोट करने की बड़ी तैयारी स्विस बैंक से आएगा काला धन!
नई दिल्ली -मोदी सरकार द्वारा देश में छुपे काले धन को निकालने के बाद मिले व्यापक समर्थन से उत्साहित अब स्विस बैंक में जमा हुए कस्ले धन को भारत में वापस लाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं ।माना जा रहा है कि बहुत जल्द ही भारत को इस लरायस में बड़ी सफलता मिलने जा रही है ।मोदी सरकार के इस कदम से पहले से परेशान काले धन वालों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। स्विटज़रलैंड की सरकार से हुए समझौतों के बाद भारत सरकार अब स्विस बैंकों में छिपे काले धन को निकालने के लिए हिंदुस्तानियों के खाते छान रही है। सरकार की इस कवायद से न केवल भारी संख्या में कालाधन वापस भारत में आयेगा, वल्कि कई मोटी मछलियों के फंसने की संभावना है। भारत ने पिछले महीनों में कम से कम 20 'प्रशासनिक सहायता' से जुड़े अनुरोध स्विट्जरलैंड से किए हैं। सरकार ने टैक्स बचा कर स्विस बैंकों में पैसा जमा करने वालों की जानकारी मांगी है। स्विस बैंक में भारतीयों के धन जमा होने का मामला पहले से चर्चा में रहा है लेकिन सार्थक प्रयास पहले से नहीं किये गए।स्विस बैंक में जो धन जमा है बताया जा रहा है कि इस लिस्ट में कम से कम 3 लिस्टेड कंपनियां, रियल स्टेट का एक बड़ा नाम, दिल्ली के एक नौकरशाह की पत्नी, भारतीय मूल के दुबई में रहने वाले बैंकर और कुछ गुजराती बिजनसमैन के नाम हैं। इन संदिग्धों में से कई ने स्विस बैंकों में अकाउंट पनामा और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड के जरिए बना रखे हैं। 'प्रशासनिक सहायता' में किसी देश को अपने नागरिक द्वारा टैक्स चोरी करने का सबूत स्विट्जरलैंड को देना होता है। जिसके बाद स्विस प्रशासन उनका आकलन करने के बाद फेडरल गजेट जारी करता है। स्थानीय कानूनों के मुताबिक संदिग्धों को अपने अकाउंट की जानकारी सार्वजनिक न होने देने के लिए अपील करने का एक आखिरी मौका मिलता है। स्विस बैंक के नियमों के अनुसार खाताधारकों के नाम और उनके द्वारा जमा धनराशि को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा लेकिन भारत के प्रयास से मुमकिन है कि नियमों में बदलाव किया जाए।

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