बैंको की समस्या आसानकरने सेना अब कर रहा है यह काम
Nov 29, 2016, 18:30 IST
नई दिल्ली -सेना देश के लिए केवल सुरक्षा का ही काम नहीं करती है सेवा करने भी बहुत आगे है | एक तरफ जहाँ देश इस समय आतंकवाद की मार से जूझ रहा है उसपर दूरगामी कार्रवाई करने के लिए सरकार ने कड़े कदम नोट बंदी के रूप में उठाया | अब सेना ने नोटों को लोगों तक पहुचाने का भी जिम्मा उठा लिया है नोट छापी से लेकर उसे बैंक पहुचाने तक उनके द्वारा अहम भूमिका निभाई जा रही है |चूँकि मामला लोगों के जरुरत से जुड़ा हुआ है आरबीआई इस बात को बखूबी समझ रहा है और उसके सामने लोगों को वेतन देने की बहुत बड़ी समस्या है |
सरकार और RBI इस कैश के क्रंच को जल्द से जल्द खत्म करना चाहती है। नोटों के तमाम प्रिंटिंग प्रेसों में युद्ध स्तर पर नोटों की छपाई जारी है। मैसूर के नोट प्रिंटिंग प्रेस में दिन-रात 24 घंटे 500 और 2,000 रुपये के नए नोट छापे जा रहे हैं और करीब 200 जवान इन नोटों को देश भर में पहुंचाने के लिए दिन रात लगे हुए हैं।
कैश के संकट को दूर करने के लिए RBI सेना की भी मदद ले रही है। सेना के कम से कम 200 जवान मैसूर प्रेस पर तैनात हैं और नोटों की 24 घंटे छपाई में स्टाफ की मदद कर रहे हैं। मैसूर स्थित भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड RBI का नए करंसी नोटों की छपाई और आपूर्ति का प्रमुख केंद्र है। नोट की छपाई के सभी 5 प्रेस में से आम तौर पर एक समय में 2 से 3 में छपाई का काम चलता है, लेकिन नोटबंदी के बाद के हालात से निपटने के लिए सभी पांचों प्रेस काम कर रहे हैं। मंगलवार को मैसूर प्रेस में 5.1 करोड़ रुपये की छपाई हुई। प्रेस के स्टाफ तीन शिफ्टों में 24 घंटे काम कर रहे हैं।
सरकार और RBI इस कैश के क्रंच को जल्द से जल्द खत्म करना चाहती है। नोटों के तमाम प्रिंटिंग प्रेसों में युद्ध स्तर पर नोटों की छपाई जारी है। मैसूर के नोट प्रिंटिंग प्रेस में दिन-रात 24 घंटे 500 और 2,000 रुपये के नए नोट छापे जा रहे हैं और करीब 200 जवान इन नोटों को देश भर में पहुंचाने के लिए दिन रात लगे हुए हैं।
कैश के संकट को दूर करने के लिए RBI सेना की भी मदद ले रही है। सेना के कम से कम 200 जवान मैसूर प्रेस पर तैनात हैं और नोटों की 24 घंटे छपाई में स्टाफ की मदद कर रहे हैं। मैसूर स्थित भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड RBI का नए करंसी नोटों की छपाई और आपूर्ति का प्रमुख केंद्र है। नोट की छपाई के सभी 5 प्रेस में से आम तौर पर एक समय में 2 से 3 में छपाई का काम चलता है, लेकिन नोटबंदी के बाद के हालात से निपटने के लिए सभी पांचों प्रेस काम कर रहे हैं। मंगलवार को मैसूर प्रेस में 5.1 करोड़ रुपये की छपाई हुई। प्रेस के स्टाफ तीन शिफ्टों में 24 घंटे काम कर रहे हैं।