घाटे का सौदा रही है अयोध्या बसपा के लिए !

घाटे का सौदा रही है अयोध्या बसपा के लिए !
फैज़ाबाद (अभिषेक )-बहुप्रतिष्ठित अयोध्या विधानसभा सीट! यहां चुनाव दर चुनाव बसपा के वोटर घटते चले गये। सफलता कभी नहीं मिली। सवर्ण बाहुल्य सीट होने के कारण यह भाजपा का गढ़ मानी जाती है। सीट पर दलित तथा मुस्लिम वोट निर्धारक स्थिति में नहीं है। रामलहर के बाद 2012 सपा से सवर्ण प्रत्याशी यहां भाजपा से पहली बार सीट छीनी। 2017 में फिर से चुनाव है। देखना है गेंद किसके पाले में जाती है।पिछले तीन चुनाव के आंकड़े पर नजर डाले तो 2002 में भाजपा से लल्लू सिंह ने बीएसपी के अभय सिंह को हराया था। भाजपा के लल्लू सिंह को 38.72 प्रतिशत वोट व बीएसपी से अभय सिंह को 25.24 प्रतिशत वोट मिले थे। चुनाव में सपा से वेद प्रकाश गुप्ता को 24.11 प्रतिशत वोट मिले थे। इसके बाद 2007 का दौर आया। कानून व्यवस्था को लेकर बीएसपी ने चुनाव लड़ा। चुनाव को बसपा की लहर के रुप में देखा गया। पूरे प्रदेश में हर सीट पर बसपा के वोट प्रतिशत में बढ़ोत्तरी हुई। प्रदेश में बसपा ने 30.43 प्रतिशत वोट हासिल करके 206 सीटो पर विजय हासिल की। परन्तु अयोध्या विधानसभा बीएसपी के घाटे का सौदा साबित हुई। यहां बसपा पिछले चुनाव की तुलना मे दूसरे से तीसरे पायदान पर खिसक गयी। बसपा प्रत्याशी रहे अशोक तिवारी को इस दौरान 18.93 प्रतिशत वोटों से ही संतोष करना पड़ा। चुनाव में भाजपा के लल्लू सिंह को 37 प्रतिशत तथा सपा से इन्द्र प्रताप तिवारी खब्बू को 33.37 प्रतिशत वोट मिले थे।बसपा के वोटरों का प्रतिशत गिरने का सिलसिला यहीं नहीं रुका। 2012 के चुनाव बसपा के वोट प्रतिशत में और कमी दर्ज की गयी। बसपा से चुनाव लड़े वेद गुप्ता को महज 17.41 प्रतिशत वोट से ही संतोष करना पड़ा। इस चुनाव में सपा से तेजनारायन पाण्डेय को 28.74 प्रतिशत वोट तथा भाजपा से लल्लू सिंह को 25.93 प्रतिशत वोट मिले अयोध्या विधानसभा सवर्ण बाहुल्य सीट मानी जाती है। इस कारण यहां रामलहर के बाद भाजपा का दबदबा बना रहा। मुस्लिम तथा दलित वोट यहां निर्धारक स्थिति में नहीं है। राम लहर के बाद 2012 में पहली बार भाजपा को यहां शिकस्त का सामना करना पड़ा। सपा से बाहमणों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रत्याशी तेजनारायन पाण्डेय ने यहां जीत दर्ज की। पहले तेजनारायन को कमजोर प्रत्याशी के रुप में देखा जा रहा था। परन्तु ब्राहमण मुस्लिम और पिछड़ा गठजोड़ भाजपा से बड़ी लकीर खीचने में कामयाब हो गया।

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