भारत ने यूएन में लगाई पाकिस्तान को लताड़ कहा जैसा बोओगे वैसा ही काटोगे
Dec 19, 2016, 18:30 IST
नई दिल्ली- बेशर्मी की चादर ओढ़े पाकिस्तान को एक बार फिर से अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपमानित होना पड़ा है | आतंकवाद को पनाह न देने की नसीहत दी गई है | यूनाइटेड नेशंस में आतंकवाद को लेकर भारत ने पाकिस्तान से कहा कि जैसा तुम बोओगे, वही काटोगे। यूएन में भारत के परमानेंट रिप्रेजेंटेटर सैयद अकबरुद्दीन ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और उनके 'शैडो सपोर्टर' पर इंटरनेशनल एक्शन के लिए दबाव बढ़ाते हुए ये बात कही।अकबरुद्दीन ने कहा कि पिछले 15 सालों में अफगानिस्तान की सरकार और वहां के लोगों ने जो कुछ भी कदम उठाए, उसे देखते हुए आतंकवाद के खिलाफ हमें किसी भी हाल में कदम पीछे नहीं खींचने चाहिए और ना ही कोई समझौता करना चाहिए।
फारसी कवि रूमी की लाइनों का जिक्र करते हुए अकबरुद्दीन ने कहा, "तुम जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे। मेरे दोस्त आपके पास जरा सी भी अक्ल है तो केवल शांति का बीज बोएं।"
पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए अकबरुद्दीन ने कहा "अफगानिस्तान में शांति स्थापित करनी है, तो उसके पड़ोसी देश को उन ग्रुप्स को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने से इनकार करना होगा, जो आतंक फैला रहे हैं।"
चीन को भी लगाई लताड़ चीन पर तंज कसते हुए उन्होंने यूएन में आतंकवाद जैसे मुद्दे के खिलाफ कदम उठाने पर "अलगाव' को भी जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा, "ये ध्यान देना बेहद जरूरी है कि तालिबान, अल कायदा और उनके सहयोगी जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को अफगानिस्तान के बाहर शैडो सपोर्टर्स से मदद मिलती है और ये अंतरराष्ट्रीय कानूनों की सीमा से बाहर रहकर ऑपरेट करते हैं।"
फारसी कवि रूमी की लाइनों का जिक्र करते हुए अकबरुद्दीन ने कहा, "तुम जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे। मेरे दोस्त आपके पास जरा सी भी अक्ल है तो केवल शांति का बीज बोएं।"
पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए अकबरुद्दीन ने कहा "अफगानिस्तान में शांति स्थापित करनी है, तो उसके पड़ोसी देश को उन ग्रुप्स को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने से इनकार करना होगा, जो आतंक फैला रहे हैं।"
चीन को भी लगाई लताड़ चीन पर तंज कसते हुए उन्होंने यूएन में आतंकवाद जैसे मुद्दे के खिलाफ कदम उठाने पर "अलगाव' को भी जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा, "ये ध्यान देना बेहद जरूरी है कि तालिबान, अल कायदा और उनके सहयोगी जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को अफगानिस्तान के बाहर शैडो सपोर्टर्स से मदद मिलती है और ये अंतरराष्ट्रीय कानूनों की सीमा से बाहर रहकर ऑपरेट करते हैं।"