CM आवास के सामने गर्भवती महिला ने ख़ुदकुशी करने की कोशिश की

CM आवास के सामने गर्भवती महिला ने ख़ुदकुशी करने की कोशिश की

लखनऊ - मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकारी आवास के बाहर भदोही सुरियावां निवासी गर्भवती दिव्या पाठक ने दोपहर पति के मफलर से गला कसकर आत्महत्या का प्रयास किया। महिला की हालात बिगड़ती देख आवास के आसपास खड़े नेताओं और पुलिस कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गए। महिला अपने पति व अन्य सफाई कर्मचारियों के पद पर नियुक्ति की मांग को लेकर आई थी। सुचना पर पहुंची पुलिस दिव्या की हालत बिगड़ती देख उसे सिविल अस्पताल लेकर पहुंची। डॉक्टरों ने दिव्या को झलकारी बाई अस्पताल रेफर कर दिया। वह जिंदगी और मौत से जूझ रही है। दिव्या के पति रंजन का कहना है की 16 अक्टूबर, 2008 में उसने अपनी पत्नी समेत करीब 1100 लोगों के साथ सफाई कर्मचारी पद के लिए भदोही ज्ञानपुर स्थित कलेक्ट्रेट ऑफिस में साक्षात्कार दिया था। इसमें करीब एक हजार लोगों ने साक्षात्कार पास कर लिया था। बावजूद इसके उन्हें नियुक्ति नहीं मिल रही थी। कई बार मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था पर कार्रवाई कोई नहीं हो सकी। रंजन ने बताया कि सुबह सात बजे से 11 बजे तक इंतजार करने के बाद भी जब उसकी मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई तो दिव्या ने उनकी चौखट पर खुदकुशी की कोशिश की। रंजन और उसके साथ आए गोपी चंद्र सरोज ने बताया कि साक्षात्कार के बाद जब उन्हें नियुक्ति नहीं मिली तो उन्होंने शासन में गुहार की थी। इसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी ने सांत्वना दी और काम करने के लिए कहा। उन्होंने 28 माह तक सफाई कर्मचारी के रूप में काम भी किया। इसके बाद भी न तो उन्हें नियुक्ति पत्र मिला और न ही वेतन। दिव्या पाठक और रंजन ने बताया कि वे दोनों इंटर पास हैं। उन्होंने कई बार सरकारी नौकरी के लिए परीक्षाएं दी पर आरक्षण के कारण उनकी नियुक्ति नहीं हो पा रही थी। उनके पास न तो खेती है और न ही अधिक रुपये कि वह कोई व्यवसाय कर सके। इसलिए उन्होंने सफाई कर्मचारी के लिए साक्षात्कार दिया था। उत्तीर्ण होने के बाद उन्हें एक आस जगी कि सरकारी नौकरी हो जाएगी तो उनका जीविकोपार्जन हो जाएगा। रंजन ने बताया कि परिवार में उसकी वृद्ध मां ज्ञानती देवी भाई विनोद और दो बच्चे हैं।


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