अब विवादों की हुई सायकिल

अब विवादों की हुई सायकिल
लखनऊ - पार्टी पर कब्जे के बाद अब अखिलेश खेमा सायकिल पर कब्जे की तैयारी में है । अब सायकिल सिम्बल को लेकर रार ठनी हुई है । एक तरफ जहाँ शिवपाल और मुलायम चुनाव आयोग जाने की तैयारी में हैं वहीँ दूसरी तरफ अखिलेश खेमे की तरफ से रामगोपाल यादव प्रतिनिधित्व करेंगे । समाजवादी पार्टी पर हक जताते हुए रविवार को लखनऊ में राष्ट्रीय अधिवेशन में सीएम खेमे ने अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। अब सपा के चुनाव चिह्न साइकिल पद दावे के लिए उनका खेमा आज चुनाव आयोग जा सकता है। अखिलेश खेमा चुनाव आयोग में लखनऊ अधिवेशन में लिए गए फैसले के बारे में जानकरी दे सकता है, जिसमें अखिलेश को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने, शिवपाल सिंह यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने और अमर सिंह को पार्टी से निकालने का निर्णय लिया गया। उधर मुलायम सिंह यादव ने रविवार को इस अधिवेशन को ही असंवैधानिक करार दे दिया और उन्होंने रामगोपाल यादव को तीसरी बार सपा से छह साल के लिए निकालते हुए 5 जनवरी को आकस्मिक राष्ट्रीय अधिवेशन जनेश्वर मिश्र पार्क में बुलाया। अखिलेश यादव के सम्मेलन के कुछ देर बाद ही मुलायम ने कहा कि लखनऊ में आयोजित पार्टी का तथाकथित राष्ट्रीय अधिवेशन असंवैधानिक है। सपा संसदीय बोर्ड इस अधिवेशन में पारित प्रस्तावों और संपूर्ण कार्यवाही को असंवैधानिक घोषित करते हुए इसकी निंदा करता है। प्रदेश अध्यक्ष बदलते ही नए गुट ने किया पार्टी कार्यालय पर कब्जा प्रदेश अध्यक्ष बदलते ही अखिलेश समर्थक नए गुट ने सपा के प्रदेश कार्यालय पर कब्जा कर लिया। निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव व उनके समर्थक समझे जाने वाले पार्टी पदाधिकारियों के कक्षों के बाहर लगी नेम प्लेटें उखाड़कर फेंक दी गई और फोटो को पैरों तले कुचल दिया गया। अखिलेश समर्थकों ने इस दौरान जमकर शिवपाल विरोधी नारे लगाए और अखिलेश को फिर से प्रदेश की बागडोर सौंपने की हुंकार भरी। सीज भी हो सकता है सायकिल सिम्बल ऐसे में जानकार बताते हैं कि सायकिल सिम्बल संख्या बल के आधार पर अखिलेश खेमे को फिये जा सकता है या फिर विवाद की स्थिति में सीज किया जा सकता है ।

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